उत्तराखण्ड : 11वीं की छात्रा पर लगाया ट्यूशन लेने का दबाव.. तो उसने लगा ली फांसी
बच्चों पर पढ़ाई और ट्यूशन का बोझ किस कदर हावी है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज स्कूली बच्चों के पास खुद के लिए समय ही नहीं है। जिस कारण आज स्कूली बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। पहले जहां कोचिंग कमजोर बच्चों के लिए अपने पढ़ाई के स्तर को उठाने का एक शसक्त हथियार हुआ करता था वहीं अब यह एक फैशन बन चुका है। जिसको अव्वल दर्जे का छात्र भी या तो खुद अपना रहा है या माता-पिता के द्वारा फोर्स करने पर उसे अपनाना पड़ रहा है। आज हम आपको एक ऐसे ही दुखदाई घटना बता रहे हैं जिसमें परिजनों द्वारा ट्यूशन के लिए मजबूर करने पर एक होनहार बच्ची ने फांसी के फंदे पर झूल गई। मामला राज्य के उधम सिंह नगर जिले की है जहां कक्षा 11 में पढ़ने वाली एक छात्रा प्रीती ने इसलिए फांसी के फंदे को चूम लिया क्योंकि परिजनों ने उस पर गणित विषय का ट्यूशन लेने का अतिरिक्त दबाव डाला। बेटी के द्वारा उठाए गए इस खौफनाक कदम से परिजनो में कोहराम मचा हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर तहसील के खड़कपुर देवीपुरा निवासी पीआरडी कर्मी नंदाराम की ड्यूटी तहसील कार्यालय में हैं। नंदाराम के तीन बेटियों सहित चार संतानें हैं। उनकी सबसे छोटी बेटी प्रीती तारावती सरोजनी देवी सरस्वती इंटर कॉलेज में कक्षा 11 की छात्रा थी। वह वर्तमान में भौतिक और रसायन विज्ञान का ट्यूशन ले रही थी परन्तु परिजन उसपर गणित का भी ट्यूशन लेने का अतिरिक्त दबाव डाल रहे थे। बता दें कि प्रीती की गणित में पकड़ काफी मजबूत थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाईस्कूल में गणित की परीक्षा में उसके 98 प्रतिशत अंक थे। इसलिए पहले तो प्रीती कई बार अपने परिजनों की बात को यह कहकर टालती रही कि वह तीसरा ट्यूशन लेकर पिता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं डालना चाहती। परंतु इस पर भी जब परिजनों का उस पर दबाव डालते रहे तो उसने सोमवार सुबह उस समय खौफनाक कदम उठा लिया जब घर पर कोई नहीं था। पिता के ड्यूटी जाने के बाद भाई आनंद अपनी आटा चक्की पर चला गया और दोनों बड़ी बहनें कोचिंग के लिए चली गईं तथा मां जब रेलवे पटरी के किनारे कंडे पाथने के लिए चली गई तो प्रीती घर पर अकेली रह गई तो उसने अपने कमरे में छत पर लगे कुंडे पर फंदा लगाकर फांसी लगा ली।