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Ojaswin rawat died in gairsain chamoli bike accident

UTTARAKHAND ROAD ACCIDENT

उत्तराखण्ड: गहरी खाई में बाइक गिरने से 12 वर्षीय मासूम की मौत, दादा दादी का था आखिरी सहारा

gairsain chamoli bike accident: बूढ़े दादा दादी का आखिरी सहारा था ओजस्विन, पिता का कोरोना काल में हो गया था निधन, अब नाती ने भी छोड़ा दादा दादी का हाथ, एक बार फिर टूटा दुखों का पहाड़…

gairsain chamoli bike accident
राज्य में दर्दनाक सड़क दुघर्टनाओं का तांडव जारी है। अब तो शायद ही ऐसा कोई दिन होगा, जब राज्य के किसी ना किसी हिस्से से भयावह सड़क हादसे की दुखद खबरें सुनने को ना मिलती हों। भीषण सड़क हादसे की ऐसी ही एक दुखद खबर आज राज्य के चमोली जिले से सामने आ रही है जहां गैरसैंण ब्लॉक के दिवागाढ-कंडारीखोड मोटर मार्ग पर एक बाइक के गहरी खाई में समा जाने से 12 वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गई जबकि बाइक चला रहा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर रूप से घायल युवक को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। इस दुखद खबर से जहां मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं मासूम बच्चे की मौत की खबर से समूचे क्षेत्र में भी मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने इस भयावह हादसे का कारण सड़क की खस्ताहाल हालत बताते हुए शासन प्रशासन एवं संबंधित विभाग को जिम्मेदार ठहराया है।

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अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के गैरसैंण क्षेत्र के बछुवाबाण निवासी हेमंत सिंह पुत्र सुरेन्द सिंह बीते रोज अपनी मौसी के घर कंडारीखोड़ गया था। बताया गया है कि गुरुवार को वह अपनी मौसी के 12 वर्षीय नाती ओजस्विन के साथ काफल लेकर वापस अपने घर बछुवाबाण की ओर आ रहा था । इसी दौरान जैसे ही उनकी बाइक बछुवावान से आठ किमी दूर कंडारीखोड़ बैंड के पास पहुंची तो एकाएक अनियंत्रित होकर करीब 40 मीटर गहरी खाई में गिर गई l जिससे बाइक में सवार दोनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी चीख पुकार सुनकर इस पास के ग्रामीणों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दोनों को खाई से बाहर निकाला और अपने निजी वाहन से दोनों को चौखुटिया अस्पताल कि ओर ले जाने लगे। लेकिन इससे पहले कि वह अस्पताल पहुंच पाते 12 साल के ओजस्विन ने रास्ते में ही दम तोड दिया। बताया जा रहा है कि मृतक ओजस्विन, अपने दादा-दादी का आखिरी सहारा था। ओजस्विन के पिता कमल सिंह रावत की चार वर्ष पूर्व कोरोना काल में असामयिक मौत हो गई थी। अब नियति ने उनके आंखों के तारे ओजस्विन को भी उनसे छीन लिया है। इस घटना से जहां ओजस्विन के दादा पान सिंह रावत सहित अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है वहीं उनके परिवार पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट गया है।

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