Uttarakhand self-employment chai chaska: बेहद दर्दभरी है समीक्षा की कहानी, स्कूटी पर शुरू किया चाय का स्टाल, नाम है चाय चस्का, उपलब्ध करा रही है सात-आठ प्रकार की चाय…
बदकिस्मत, बेबसी और भाग्य यही वो शब्द है जिनका बहाना बनाकर अधिकांश लोग अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश करते हैं। वैसे परिस्थितियां तो हर किसी की अलग-अलग होती है परन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो परिस्थितियों से जूझने के बावजूद कभी हार नहीं मानते। अपनी कड़ी मेहनत, लगन के बलबूते कुछ नया और बड़ा करने का जोश ऐसे लोगों में बचपन से ही होता। चंद पंक्तियों की ये बातें राज्य की उस होनहार बेटी पर भी लागू होती है जिसने छोटी सी उम्र में ही परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी उठा ली है। जी हां… हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं राज्य के देहरादून जिले की रहने वाली समीक्षा से। बता दें कि बारहवीं कक्षा की इस छात्रा ने न केवल एक स्कूटी पर अपने चाय का स्टाल शुरू किया है बल्कि महज एक सप्ताह के भीतर ही वह प्रतिदिन 1500 रूपए भी कमाने लगी है। इतना ही नहीं अब आसपास से गुजरने वाले लोगों के कदम भी उनके चाय की दुकान पर खुद ब खुद रूकने भी लगी है।
(Uttarakhand self-employment chai chaska)
बता दें कि बारहवीं कक्षा की छात्रा का यह कदम शायद आपको हैरानी भरा लग रहा होगा, परंतु इसके पीछे के कारण जानकर न केवल आपके दिलों में समीक्षा के प्रति सहानुभूति होगी बल्कि उनके इस सराहनीय कदम के लिए आप उसे शाबाशी देने से भी नहीं चूकेंगे। दरअसल मीडिया से बात करते हुए समीक्षा बताती है कि अपने परिवार में सबसे बड़ी है। उनका एक छोटा भाई है, जो सातवीं कक्षा का छात्र है। इतना ही नहीं समीक्षा के पिता को बैकबोन ट्यूमर है, जिस कारण परिवार की आजिविका चलाने की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई। परंतु इन विपरीत परिस्थितियों से हार मानने के बजाय समीक्षा ने इसका सामना करते हुए इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाने का फैसला लिया। कुछ यूनिक करने की सोच रखने वाली समीक्षा ने स्कूटी पर ही चाय का स्टाल लगाने का आइडिया अपने पिता को दिया। जिस पर उनके पिता ने स्कूटी पर ही एक स्टाल तैयार करवाया। जिस पर समीक्षा काफी अच्छे से अपनी दुकान चला रही है। उच्च शिक्षा के बारे में पूछने पर समीक्षा बताती है कि वह बारहवीं के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहती है।
(Uttarakhand self-employment chai chaska)