Ranikhet Kuwali guldar attack रानीखेत तहसील के दैना गांव में बुजुर्ग व्यक्ति को बनाया था गुलदार ने अपना निवाला अब मचा बड़ा बवाल
गौरतलब हो कि अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत रानीखेत तहसील के कुवाली घाटी के देना गांव में बीते 29 नवंबर को मोहन राम को एक गुलदार ने अपना शिकार बना लिया था। जिसके बाद ग्रामीणों में बेहद आक्रोश देखा गया और वन विभाग पर दबाव बनाकर मुरादाबाद से शिकारी राजीव सोलोमन को बुलाया गया। शुरू के एक-दो दिन तो शिकारी को कहीं भी गुलदार नजर नहीं आया तीसरे दिन जैसे ही शिकारी राजीव को हिंसक गुलदार नजर आया तो उन्होंने तुरंत फायरिंग कर दी जिसमें 1 गोली गुलदार के सिर और दूसरी उसके दिल को चीरते हुए पार हो गई। देखते ही देखते आदमखोर गुलदार ढेर हो गया। जिसके बाद शिकारी राजीव और वन क्षेत्राधिकारीओ ने बताया कि हिंसक गुलदार मादा है जिसकी उम्र लगभग 12 वर्ष है। जो काफी बूढ़ी हो चुकी है जिसका उपरी कैनाईन का दांत भी टूट चुका है, लेकिन शिकार करने में अभी भी माहिर थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट हुआ यही वह मादा गुलदार है जो मोहन राम पर हमला कर उसे घसीटते हुए 1 किलोमीटर दूर गधेरे में ले गई थी।(Ranikhet Kuwali guldar attack)
लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों ने हंगामा काटा और कहा कि उन्हें संदेह है यह असली आदमखोर नहीं है। जिसके बाद शिकारी राजीव और रेंजर मनोज लोहनी ने हिंसक वन्यजीवों के सारे लक्षण और उसकी गतिविधियों का हवाला देकर मामला शांत कराया। अब आदमखोर मादा गुलदार की यह घटना यहीं पर खत्म नहीं होती है। कुछ दिनों बाद पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि शाम को भी इलाके के आसपास काफी दहाड़े सुनाई दे रही हैं अब फिर से गुलदार की धमक सुनाई देने पर ग्रामीण सहम गए। इस मामले में वन क्षेत्राधिकारीयों का कहना है कि यह जरूर नर गुलदार होगा जो अब मादा गुलदार के ना देखने पर विदक उठा है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि मादा गुलदार के ना मिलने पर कुछ दिनों बाद नर गुलदार इस इलाके को छोड़ देगा। अलबत्ता, वन क्षेत्राधिकारी मनोज लोहनी ने कहा कि वे मय टीम दोबारा गश्त पर निकलेंगे।