भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट (lieutenant) बनी अनामिका, सेना के पठानकोट स्थित आर्मी अस्पताल में मिली पहली तैनाती..
राज्य की प्रतिभावान बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि कुछ वर्ष पहले तक पुरूषों का एकाधिकार माने जाने वाले सैन्य क्षेत्रों में भी अब राज्य की बेटियां बढ़-चढ़कर सम्मिलित हो रही है। आज एक बार फिर हम आपको राज्य की एक ऐसी ही प्रतिभावान बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने सेना में लेफ्टिनेंट (lieutenant) बनकर न सिर्फ अपने क्षेत्र और परिवार का मान बढ़ाया है बल्कि समूचे उत्तराखंड को भी गौरवान्वित किया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले की रहने वाली अनामिका सागर की, जो चार वर्षों का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने पश्चात अब सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बतौर लेफ्टिनेंट उन्हें सेना के पठानकोट स्थित आर्मी अस्पताल में पहली तैनाती मिली है। अनामिका की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप राज्य के ऊधमसिंह नगर जिले की काशीपुर तहसील के ग्राम बरखेड़ा पांडे निवासी अनामिका सागर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बता दें कि वर्तमान में अनामिका का परिवार वैशाली कालोनी में रहता है। वर्ष 2015 में समर स्टडी हॉल स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली अनामिका ने वर्ष 2016 में नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। इस दौरान उनका चयन आर्मी कमांड हॉस्पिटल लखनऊ के लिए हुआ, जहां चार वर्ष का कठिन प्रशिक्षण पूरा कर वह बीते दिनों आयोजित हुई पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। इस दौरान अनामिका के माता-पिता ने खुद बेटी के कंधों पर सितारे सजाकर उसे सेना को समर्पित किया। बताते चलें कि अनामिका के पिता सुभाष चंद्र जीआरपी काशीपुर में एएसआइ के पद पर कार्यरत हैं जबकि उनकी मां संगीता एक कुशल गृहणी हैं।
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