Anshul negi IIT Delhi: रुद्रप्रयाग के अंशुल नेगी ने हासिल की विशेष उपलब्धि, उत्तीर्ण की जेईई-मेन परीक्षा, आईआईटी दिल्ली हुआ चयन….
Anshul negi IIT Delhi: उत्तराखंड के होनहार युवा आज शिक्षा के क्षेत्र से लेकर खेलकूद के क्षेत्र समेत अन्य सभी क्षेत्रों में भी अपना विशेष योगदान दे रहे हैं। जो बेहद सराहनीय और प्रशंसा के काबिल है। इसके साथ ही प्रदेश के युवा अपनी मेहनत और समर्पण के बलबूते पर जेईई मेन जैसी कठिन परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालय में प्रवेश पा रहे हैं जिनकी काबिलियत पर पूरे प्रदेश को गर्व होता है। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे होनहार युवा अन्य बच्चों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं। हम आए दिन आपको ऐसे ही होनहार युवाओं से रूबरू करवाते रहते हैं जिन्होंने किसी विशेष क्षेत्र में सफलता हासिल की हो आज हम आपको एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने जेईई मेन परीक्षा उत्तीर्ण की है। जी हां… हम बात कर रहे हैं रुद्रप्रयाग जिले के अंशुल नेगी की जिनका चयन आईआईटी दिल्ली में हुआ है।
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Anshul negi Rudraprayag JEE mains बता दें मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले के क्यूडी खडपतियाखाल के रहने वाले अंशुल नेगी ने बिना कोचिंग लिए जेईई परीक्षा उत्तीर्ण कर दिल्ली आईआईटी में प्रवेश पाया है। अंशुल नेगी वर्तमान मे गंगानगर अगस्त्यमुनि में निवास करते है जिनके पिता भरत सिंह नेगी सरकारी सेवा में लिपिक के पद पर कार्यरत है जबकि उनकी माता शारदा देवी अगस्त्य पब्लिक स्कूल जवाहरनगर-गंगानगर मे शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। दरअसल अंशुल नेगी ने इसी वर्ष अगस्त्य पब्लिक स्कूल जवाहरनगर- गंगानगर से इंटरमीडिएट की परीक्षा में 97% अंक पाकर पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया था और अब अंशुल नेगी ने जेईई एग्जाम में 5000 रैंक प्राप्त कर दिल्ली आईआईटी में प्रवेश पाया है। अंशुल नेगी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री लेंगे। इतना ही नहीं 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अंशुल ने जेईई मेन का पेपर दिया था जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई है। अंशुल का कहना है कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता बल्कि कठोर अनुशासन से पढ़ाई एवं समय का प्रबंधन सफलता का मूल मंत्र है। अंशुल की माता का कहना है कि अंशुल बचपन से ही वैज्ञानिक बनकर देश सेवा का सपना रखते है जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत के बलबूते पर यह मुकाम हासिल किया है। अंशुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है जिन्होंने उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए हमेशा प्रेरित किया।
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