uttarakhand: देवभूमि के लिए गौरव का पल, राज्य के एक और बेटे को मिली अहम जिम्मेदारी..
पूरे देश ने एक बार फिर उस समय देवभूमि उत्तराखंड (uttarakhand) की प्रतिभा का लोहा माना जब देवभूमि के एक बेटे को भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य (uttarakhand) के नैनीताल जिले के रहने वाले रिटायर्ड आइएएस भास्कर खुल्बे की , जिन्हें बीते शुक्रवार को अमरजीत सिन्हा के साथ देश के प्रधानमन्त्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है। बता दें कि आइएएस खुल्बे कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं जबकि उनके सहयोगी अमरजीत ग्रामीण विकास सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। बताते चलें कि दोनों ही 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जहां अमरजीत सिन्हा बिहार कैडर से थे वहीं जबकि भास्कर खुल्बे पश्चिम बंगाल कैडर के अधिकारी थे। आईएएस खुल्बे की इस उपलब्धि ने समूचे उत्तराखण्ड (uttarakhand) को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। विदित हो कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में उत्तराखण्डी (uttarakhand’s) अफसरों का दबदबा पहले से रहा है चाहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हो या सीडीएस जनरल विपिन रावत, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन रहे अश्वनी लोहनी हो या फिर अंडमान के उपराज्यपाल पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी सभी उत्तराखंड से ही है यहां तक कि सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी सहित एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रदीप खरोला, डीजीएमओ अनिल भट्ट, रॉ चीफ रहे राजेन्द्र धस्माना भी देवभूमि उत्तराखंड (uttarakhand) से ताल्लुकात रखते हैं।
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डीएसबी कैम्पस से हैं पासआउट:- प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य (uttarakhand) के अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण के सीम गांव निवासी भास्कर खुल्बे को प्रधानमंत्री मोदी का नया सलाहकार नियुक्त किया गया है। बीते शुक्रवार, 21 फरवरी को एक सरकारी आदेश के द्वारा इसकी जानकारी दी गई। जिसमें कहा गया था कि दोनों अधिकारियों को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सचिव के समान पद एवं वेतनमान पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। बता दें कि 1983 बैच के आईएएस अधिकारी भास्कर खुल्बे ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा भिकियासैंण से ही उप्तीर्ण की। इसके बाद उनके पिता स्वर्गीय ख्यालीराम खुल्बे ने, जो कि एक ठेकेदार थे, नैनीताल में अपना घर बना लिया। जिसके बाद उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा 1979 में डीएसबी कैंपस से उप्तीर्ण की। डीएवी से उच्च शिक्षा उप्तीर्ण करने के बाद उन्होंने पहले आइएएस, फिर आइएमए और उसके बाद फ़ॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा भी पास की। बता दें कि भाष्कर खुल्बे की पत्नी मीता भी एक आइएएस अधिकारी रही हैं। आइएएस भास्कर खुल्बे पहले बंगाल के लोकप्रिय मुख्यमंत्री ज्योति बसु के चहेते रहे और अपने शानदार कार्यो के कारण अब वह पीएम नरेन्द्र मोदी के चहेते अधिकारियों में भी शामिल हो गए थे। शायद यही कारण है कि सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें फिर से इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। भास्कर की इस उपलब्धि से उनके पैतृक गांव एवं नैनीताल में हर्षोल्लास का माहौल है।
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