उत्तराखंड: वीरता पुरस्कार से नवाजी जाएगी राज्य की बहादुरी बेटी राखी, जिलाधिकारी ने भेजी संस्तुति
गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल जिले के चौबट्टाखाल तहसील के देवकुंडई गांव निवासी दलबीर सिंह रावत की 11 वर्षीय बेटी राखी अपने छोटे भाई राघव और मां के साथ अपने खेत में गई थी। शाम को वापसी के वक्त दोनों भाई बहन अपनी मां से आगे चल रहे थे। राघव राखी के कंधों पर बैठा हुआ था तभी रास्ते में अचानक पहले से घात लगाकर छिपे हुए एक आदमखोर गुलदार ने राघव पर हमला कर दिया। इस विपरीत परिस्थिति में किसी का भी होंसला टूट सकता है परन्तु राखी इस मुश्किल घड़ी में भी नहीं घबराई और उसने बिना देरी किए भाई को गुलदार से छुड़ाकर अपने सीने से लगा लिया। यहां तक कि गुलदार के द्वारा बार-बार स्वयं पर हमला करने पर भी राखी ने अपने भाई को गुलदार की पहुंच से दूर रखा। गुलदार के द्वारा अपने पंजों एवं दांतों से वार करने के कारण राखी गम्भीर रूप से घायल हो गई। मां के द्वारा शोर मचाने पर गुलदार तो वहां से भाग गया और भाई भी सकुशल था उसे मामूली खरोंच आई थी परन्तु गुलदार के हमले से लहूलुहान राखी बेहोश हो गई। ग्रामीणों द्वारा दोनों भाई बहन को स्वास्थ्य केन्द्र पोखड़ा ले जाया गया जहां से उन्हें कोटद्वार बेस अस्पताल लाया गया। जहां से राघव को तो घर भेज दिया गया परन्तु राखी की नाजुक हालत को देखते हुए उसे दिल्ली के अस्पताल में रेफर कर दिया गया और अभी हाल ही में राखी वहां से डिस्चार्ज होकर घर आई है।