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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: वीरता पुरस्कार से नवाजी जाएगी राज्य की बहादुरी बेटी राखी, जिलाधिकारी ने भेजी संस्तुति

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पहाड़ की एक ऐसी हिम्मती बेटी जो अपने भाई की जान बचाने के लिए अकेले गुलदार से जा भिड़ी। जी हां.. हम पौड़ी गढ़वाल जिले की उसी बेटी की बात कर रहे हैं जो कुछ दिनो पहले सोशल मीडिया पर अपने बुलंद हौसलों के लिए चर्चित हो रही थी। ‌सोशल मीडिया में हर कोई न सिर्फ उसकी वीरता एवं साहस को सलाम कर‌ रहा था बल्कि वहां तो लोग राखी को वीरता पुरस्कार देने की मांग भी सरकार से कर रहे थे। सरकार ने भी जनता की इच्छाओं का सम्मान करते हुए राज्य की इस बेटी का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजे जाने की बात भी कही थी जिसके लिए चौबट्टाखाल के एसडीएम ने जिलाधिकारी को सम्पूर्ण घटना का विवरण भेजा था। अब पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल ने वीरता पुरस्कार के लिए राखी के नाम का संस्तुति पत्र प्रमुख सचिव गृह को भेज दिया है। इस सम्बन्ध में खुद जिलाधिकारी का भी कहना है कि राखी ने उक्त घटना में जिस साहस का परिचय दिया है उसके लिए वह वाकई सम्मानित होने की पात्र है। बता दें कि इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री ने भी राखी की तारीफ करते हुए कहा था कि इस बेटी ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए गुलदार के हमले से अपने छोटे भाई को बचाया और राखी की इस वीरतापूर्ण कार्य से हम सभी गौरवान्वित हैं।




गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल जिले के चौबट्टाखाल तहसील के देवकुंड‌ई गांव निवासी दलबीर सिंह रावत की 11 वर्षीय बेटी‌ राखी अपने छोटे भाई राघव और मां के साथ अपने खेत में गई थी। शाम को वापसी के वक्त दोनों भाई बहन अपनी मां से आगे चल रहे थे। राघव राखी के कंधों पर बैठा हुआ था तभी रास्ते में अचानक पहले से घात लगाकर छिपे हुए एक आदमखोर गुलदार ने राघव पर हमला कर दिया। इस विपरीत परिस्थिति में किसी का भी होंसला टूट सकता है परन्तु राखी इस मुश्किल घड़ी में भी नहीं घबराई और उसने बिना देरी किए भाई को गुलदार से छुड़ाकर अपने सीने से लगा लिया। यहां तक कि गुलदार के द्वारा बार-बार स्वयं पर हमला करने पर भी राखी ने अपने भाई को गुलदार की पहुंच से दूर रखा। गुलदार के द्वारा अपने पंजों एवं दांतों से वार करने के कारण राखी गम्भीर रूप से घायल हो गई। मां के द्वारा शोर मचाने पर गुलदार तो वहां से भाग गया और भाई भी सकुशल था उसे मामूली खरोंच आई थी परन्तु गुलदार के हमले से लहूलुहान राखी बेहोश हो गई। ग्रामीणों द्वारा दोनों भाई बहन को स्वास्थ्य केन्द्र पोखड़ा ले जाया गया जहां से उन्हें कोटद्वार बेस अस्पताल लाया गया। जहां से राघव को तो घर भेज दिया गया परन्तु राखी की नाजुक हालत को देखते हुए उसे दिल्ली के अस्पताल में रेफर कर दिया गया और अभी हाल ही में राखी वहां से डिस्चार्ज होकर घर आई है।




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