Alok Negi BSF Uttarkashi: 53 वीं बटालियन के बीएसएफ सहायक कमांडेंट आलोक नेगी वीरता पदक से सम्मानित, BSF जवान आलोक ने पलटी ऐसी बाजी की 48 घंटे में घुटनों में आ गया था पाकिस्तान…
BSF soldier Alok negi rawai jaunpur Uttarkashi got gallantry medal on bravery during operation sindur: देश में 79 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कई सारे अधिकारियों को उनकी वीरता और शौर्यता के लिए उचित सम्मान से सम्मानित किया गया है जिसमें उत्तराखंड के कई सारे जांबाज भी शामिल है। इसी क्रम में उत्तरकाशी जिले के रहने वाले आलोक नेगी को उनके अदम्य साहस के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है यह सम्मान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्यवाही के दौरान मिला है जो पूरे उत्तराखंड के लिए बेहद गौरवशाली पल है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जिले के रवाई जौनपुर डामटा के भौंति गांव के रहने वाले आलोक नेगी पुत्र सूरत सिंह नेगी को उनके अदम्य साहस के लिए बीते शुक्रवार को 79 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। दरअसल यह सम्मान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के चलते मिला है जिसमें आलोक नेगी ने 53 में बटालियन BSF के सहायक कमांडेंट का कर्तव्य निभाते हुए कांस्टेबल जीडी कंदर्प चौधरी और वाघमारे भवन देवराम के साथ मिलकर बीते 7 से 10 मई 2025 तक एफडीएल मुखयारी में दुश्मन की भीषण गोलाबारी के दौरान असाधारण साहस का परिचय दिया था। बताते चले दुश्मन लगातार गोलाबारी कर रहे थे वहीं एमएमजी गोलीबारी के बीच आलोक नेगी ने रक्षात्मक कार्यवाही का नेतृत्व करते हुए कर्मियों और मोर्टार हथियारों को फिर से तैनात किया जिसके तहत प्रमुख दुश्मन चौकियों पर सटीक जवाबी हमले का समन्वय किया गया।
48 घंटों के भीतर घुटनों पर आया पाकिस्तान
कांस्टेबल देवराम भवन बाघमारे के जिम्मे मोर्टार डिटैचमेंट-2 था जबकि एसी आलोक नेगी की लीडरशिप में दुश्मन की तमाम चौकियों पर सटीक जवाबी हमले शुरू किए गए जिसमे बीएसएफ के जांबाजों की इस टोली ने लगातार 48 घंटे तक दुश्मन की तमाम चौकियों पर गोलीबारी कर खूब जवाबी कार्यवाही की। वहीं बीएसएफ के जांबाजों के खतरनाक और सटीक हमलों को देखते हुए दुश्मनो के पसीने छूटने लगे। एसी आलोक नेगी की इस सटीक कार्रवाई की वजह से पाकिस्तानी सेना को 48 घंटे के भीतर घुटनों पर आना पड़ा।
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