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Buransh flower uttarakhand blooming in January
Image: buransh flower (social media)

अल्मोड़ा

उत्तराखंड : बुरांश खिला जनवरी में ही जलवायु परिवर्तन को लेकर वैज्ञानिक भी चिंतित

Buransh flower blooming Uttarakhand: समय से पहले खिला बुरांश का फूल, काफल भी समय से पहले पकने को तैयार, जलवायु में हो रहा परिवर्तन…..

Buransh flower Blooming in Uttarakhand due to climate change: उत्तराखंड में दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिसके चलते अब धीरे-धीरे प्रदेश की जलवायु में भी परिवर्तन होने लगा है। देवभूमि में प्रकृति का ऐसा रंग देखने को मिला है कि जनवरी माह में समय से पहले ही बुरांश का फूल खिल गया है जो कहीं ना कहीं मौसम चक्र में परिवर्तन की वजह बन गया है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में काफल भी अपने समय से पहले ही पकने को तैयार हो गया है। यह बदलाव जलवायु में हो रहे परिवर्तन को दर्शाते हैं जो स्थानीय पर्यावरण और कृषि पर भी असर डाल सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है इस तरह की प्राकृतिक घटनाएं समय से पहले होना बेहद चिंता का विषय हैं।

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मार्च में खिलने वाला बुरांश खिला जनवरी में: Buransh blooms in Almora)

बता दें उत्तराखंड में धीरे-धीरे जलवायु परिवर्तन का असर होने लगा है जिसका ताजा उदाहरण इन दिनों अल्मोड़ा जिले के धौलछीना मे देखने को मिल रहा है जहां पर बिनसर अभ्यारण के जंगलों के इर्द गिर्द फरवरी माह के दूसरे पखवाड़े से मार्च में खिलने वाला बुरांश का फूल जनवरी माह में ही खिल गया है। जिसे देखकर लोग भी चौंक गए है और वह इसकी बड़ी वजह मौसम चक्र में हो रहे परिवर्तन को मानते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कई जंगलों में तो काफल भी पकने को तैयार हो गए हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि पहाड़ों के जंगलों में बुरांश के फूल 15 मार्च के बाद ही देखने को मिलते हैं इसके साथ ही मार्च के दूसरे पखवाड़े और अप्रैल में काफल पकते हैं मगर अब प्रकृति धीरे-धीरे अपना रंग दिखाने लगी है। जिससे जाहिर होता है कि अब ठंडे पहाड़ भी गर्म होने लगे हैं और यहां की जलवायु भी परिवर्तित होने लगी है। स्थिति इस कगार पर पहुंच गई है की इस साल सर्दियों में बहुत कम मात्रा में बारिश देखने को मिली है जिससे पहाड़ की जैव विविधता पूरी तरह से प्रभावित हो रही है जो बेहद चिंता का विषय बन रही है। बताते चले पहाड़ में एक दो माह पहले ही बुरांश काफल आडू जैसे फलों के पकने की यही वजह है ।

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