Chamoli car fire news : चमोली जिले में महिला का कार में मिला जला शव क्षेत्र में फैली सनसनी, खाई मे मिला युवक का शव, आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे दोनों भाई बहन…. Chamoli car fire news karnatak brother sister : उत्तराखंड के चमोली जिले के ज्योतिर्मठ के तपोवन सुभाई भविष्य बदरी मोटर मार्ग पर चांचडी के पास बीते शनिवार की देर रात एक कार मे महिला का शव पूरी तरह से जला हुआ था जिसकी जानकारी आसपास के लोगों को बीते रविवार की सुबह मिली तो लोगो मे सनसनी फैल गई। तभी स्थानीय लोगों ने इस घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन को दी जिसके बाद से पुलिस प्रशासन महिला की जांच पड़ताल में जुटी हुई थी। दरअसल कार में महिला का नर कंकाल मिलने पर व कार चालक के लापता होने पर पुलिस को महिला की ह्त्या का संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल करते हुए इस राज से पर्दा उठा दिया है ।
यह भी पढ़े :उत्तराखंड: लंबे समय से लापता छात्र का शव मिला टिहरी झील से, मां के नाम छोड़ गया एक नोट
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उड़ीसा के रायगडा नगर की रहने वाली श्वेता सेनापति और उसका भाई संतोष कुमार सेनापति बीते कुछ दिनों से चमोली जिले के ज्योतिर्मठ के ढाक गांव में पांगर बासा होम स्टे मे रह रहे थे जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी। जिसके चलते बीते 11 अप्रैल को दोनों ने होम स्टे छोड़ने की बात होम स्टे संचालक से कही थी और कुछ समय पहले एक मोबाइल और जेवर भी बेचे थे उन्होंने स्थानीय लोगों से भी आर्थिक तंगी की बात कही थी। लोगों का कहना है कि संतोष कुमार सेनापति ने काफी असफलता के बाद भगवान पर भरोसा करना छोड़ दिया था हालांकि उसकी बहन श्वेता धार्मिक प्रवृति पर विश्वास रखती थी लेकिन दोनों के पास रोजगार नहीं था जिसके कारण वह काफी तनाव में थे। वहीं बीते 4 अप्रैल को दोनों भाई बहनों ने आत्महत्या करने के लिए पहले कीटनाशक पदार्थ खाया और इसके बाद संतोष ने पहले अपनी बहन को वाहन मे जलाकर उसका अंतिम संस्कार किया तथा इसके बाद खुद खाई में कूदकर जान दे दी। जब बीते 5 अप्रैल को सुभाई भविष्य बद्री मोटर मार्ग पर चांचड़ी गांव के पास जली कार के भीतर महिला का नर कंकाल बरामद हुआ तो उस दौरान कार चालक लापता था जिस पर पुलिस प्रशासन को संतोष कुमार सेनापति को लेकर हत्या का अंदेशा हुआ तो उन्होंने संतोष को खोजने का प्रयास किया वही उनके बारे में परिवार के सदस्यों से जानकारी लेना शुरू किया। दरअसल घटना के बाद से संतोष कुमार सेनापति का फोन लगातार बंद आ रहा था इस दौरान बेंगलुरु कर्नाटक उड़ीसा हरिद्वार से दोनो भाई बहनों की आर्थिक स्थिति की डामाडोल होने की जानकारी भी सामने आ रही थी। जिस पर पुलिस को संदेह हुआ कि कहीं लापता युवक ने भी आत्महत्या ना कर दी हो इसके बाद पुलिस ने घटना स्थल के जंगलों में लगातार सर्च अभियान चलाया जिसके लिए स्क्वायड डॉग और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की मदद भी ली गई वहीं बीते गुरुवार 10 अप्रैल को घटनास्थल से 50 मीटर आगे तपोवन की ओर 400 मीटर गहरी खाई में महिला के भाई संतोष कुमार का शव बरामद हुआ। पुलिस द्वारा बताया गया कि संतोष के हाथ भी जले हुए थे और इसके साथ ही उसके मुंह से भी झाग आ रहा था। पुलिस द्वारा युवक के शव का पोस्टमार्टम किया गया है हालांकि रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि युवक ने जहर खाया है या नहीं लेकिन दोनों भाई बहनों की मौत पर जो खुलासा हुआ है वह चौंका देने वाला है।
कोरोना काल मे खोया था माता पिता भाई को...
जानकारी के मुताबिक श्वेता और संतोष सेनापति सगे भाई बहन थे जो मूल रूप से रायगढ़ उड़ीसा के रहने वाले थे लेकिन 15 16 साल पहले यह लोग अपने परिवार के साथ विशाखापट्टनम चले गए थे जहां पर दोनों को काम धंधा शुरू करने के दौरान लगातार नुकसान हुआ। इसके बाद 4 – 5 साल पहले संतोष सेनापति बेंगलुरु में ओला कैब ड्राइवर की नौकरी पर थे लेकिन माता-पिता की कोरोना काल में मृत्यु होने के कारण उनके भाई सुनील की भी मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद दोनों भाई बहनों पर आर्थिक संकट गहरा गया और यह दोनों हरिद्वार चले आए जहां पर वह राजधानी देहरादून के विकासनगर में रहने लगे और संतोष सेनापति ने सिडकुल में ड्राइवर का काम भी किया लेकिन इसके बाद भी उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हुई। इसके बाद दोनों कुछ दिन पहले जोशीमठ क्षेत्र पहुंचे थे जहां पर उन्होंने लोगों से ₹500 1000 रुपये तक उधार लिया था और तीन-चार महीने पहले से होम स्टे में रह रहे थे।
उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए।।