उत्तराखण्ड के दो जिलों में बादल फटने से भारी नुकसान… एक व्यक्ति की मौत, कई मकान बहे
राज्य में बरसात के अंतिम दिनों में भी प्राकृतिक आपदा का कहर जारी है। एक बार फिर राज्य के दो पर्वतीय जिलों पिथौरागढ़ एवं चमोली में प्राकृतिक आपदा का कहर देखने को मिला है जहां बादल फटने से भयंकर तबाही मची हुई है। जिसमें अभी तक एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो अन्य व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गए हैं। बताया गया है कि इस आपदा से कई मकान भी ध्वस्त हो गए हैं जबकि कई अन्य मकान अभी भी खतरे की जद में हैं। प्रशासन सहित आपदा राहत दल के सदस्यों ने आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया है। थल मुनस्यारी मार्ग रातिगाड़ रसियबगड़, नया बस्ती आदि कई स्थानों पर मलबा आने से बंद हैं। वहीं दूसरी ओर चमोली जिले से भी बादल फटने की खबर आ रही है। दोनों जिले के जिलाधिकारियों ने बादल फटने की घटना की पुष्टि करते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। क्षेत्र के सभी नदी नालो का जल स्तर बढ़ गया है। यह भी खबर है कि बादल फटने के दौरान हल्के वाहन भी बह गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के तल्ला जौहार क्षेत्र नाचनी में कल रात को बादल फट जाने से भारी नुकसान हो गया है। भैंसखाल पंचायत घर का आंगन भी बह गया है एवं कई घर भी मलबे में समा गए। मकानों के मलबे में दबने से टीमटिया निवासी राम सिंह पुत्र दयान सिंह की मौत हो गई है। जबकि धनी देवी पत्नी राम सिंह और चंद्रा देवी घायल हो गए है। बताया गया है कि अभी भी कई मकान खतरे की जद में हैं। बड़बगड़ क्षेत्र में भी जानवरों के दबने की सूचना आ रही है। भारी बारिश से रामगंगा नदी पूरे उफान पर है। आपदा राहत दल एनडीआरएफ की टीम ने आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक एनडीआरएफ द्वारा चलाया गया राहत एवं बचाव कार्य जारी है एवं मेडिकल विभाग की टीम भी क्षेत्र में पहुंच चुकी है। वहीं दूसरी ओरचमोली जिले के गोविंद घाट में भी बादल फटने की सूचना है। जानकारी के मुताबिक बादल फटने से पार्किंग में कई वाहन एवं मवेशी मलबे में दब गए हैं।
