Vikram rawat PHD Rishikesh: गोल्ड मेडलिस्ट ऋषिकेश निवासी विक्रम सिंह रावत ने योग विज्ञान विषय में पीएचडी की उपाधि की प्राप्त
उत्तराखंड के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अपनी योग्यता के दम पर सफलता के ऊँचे-ऊँचे मुकाम हासिल करने वाले देवभूमि उत्तराखंड के इन होनहार युवाओं से हम आपको आए दिन रूबरू कराते रहते हैं। इसी कडी में आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार शख्सियत से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होनें पीएचडी की उपाधि हासिल कर ली है।जी हां… हम बात कर रहे हैं तीर्थनगरी मुनि-की-रेती, ऋषिकेश निवासी गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत की, जिन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार से योग विज्ञान विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।(Vikram rawat PHD Rishikesh)
देवभूमि दर्शन से खास बातचीत: देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत बताते हैं कि वे मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग के रहने वाले हैं एवं वर्तमान में मुनि-की-रेती, ऋषिकेश में रहते हैं तथा उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार से योग विज्ञान विषय में, अपने शोध निर्देशक प्रोफेसर पारन गौड़ा के दिशा निर्देशन में “Enhancing the Quality of Life of Ageing Elders Through Yoga Practices” विषय पर अपना शोध कार्य पूरा किया है। गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत ने बताया कि वह अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय ईश्वर, अपने माता-पिता, अपने शोध निर्देशक, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महोदय, कुलपति महोदय, प्रतिकुलपति महोदय, योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष तथा योग विज्ञान विभाग के अन्य प्रोफेसर को देते हैं। वह अपनी इस उपलबधि पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।
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बता दें कि गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत योग विषय से लगातार ग्यारह (11) बार प्रतिष्ठित यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। इसके अलावा योगाचार्य विक्रम सिंह रावत ने वर्ष 2023 में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी से मनोविज्ञान विषय में एम.ए. की डिग्री सर्वोच्च अंको में उत्तीर्ण की थी। जिस कारण वह विश्वविद्यालय में एम.ए. मनोविज्ञान विषय में यूनिवर्सिटी टॉपर बने थे। इसके अलावा गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत ने वर्ष 2015 में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में भी एम.ए. की डिग्री हासिल की थी। इस दौरान भी उन्होंने विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए थे। जिसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया था। इसके अतिरिक्त वर्ष 2017 में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (पी.जी.डी. योग) की परीक्षा में भी सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर उन्हें विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में भी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा चुका है।