चारधाम यात्रा परियोजना उत्तराखंड में भयानक हादसे को आमंत्रण दे रही है । गांवों में रेलवे लाइन निर्माण के चलते घरों में आई दरारों से ग्रामीण हुए चिंतित।
उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग में रेल लाइन का कार्य किया जा रहा है। एक और जहां चार धाम परियोजना के तहत विकास कार्य किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर लाइन निर्माण का कार्य लोगों के लिए खौफ का कारण बना हुआ है रेल लाइन के लिए सुरंग बनाने का कार्य अभी पूर्ण रुप से शुरू भी नहीं हुआ था कि लोगों के घरों में दरारें आनी शुरू हो गई जिस कारण गांव के लोगों को किसी बड़ी अनहोनी के होने का डर सता रहा है। गांव के लोगों ने प्रशासन और रेलवे बोर्ड को क्षेत्र मुआयना करने की मांग की है। इसी प्रकार रुद्रप्रयाग जिले के ही नरकोटा गांव में भी सुरंग निर्माण के कारण कई आवासीय भवनों पर बड़ी दरारें पड़ गई है। पीड़ित परिवार खौफ में जिंदगी जी रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन पीड़ित परिवारों की परेशानी को अनदेखा कर रहे हैं।गांव के लोगो ने प्रशासन और रेलवे बोर्ड से क्षेत्र का मुआयना करने की मांग की। जिला प्रशासन से अधिकारियों ने आकर क्षेत्र का जायजा तो लिया लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई। इससे गांव वालो ने रेल विकास निगम (RVNL) के खिलाफ आंदोलन करना शुरू कर दिया। गांव के लोगो द्वारा किये जा रहे आंदोलन को देखते हुए रेल विकास निगम की ओर से गांव वालो को गांव से विस्थापित कराने का भरोसा दिलाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में चार धाम यात्रा रेलवे परियोजना का कार्य शुरू कर दिया गया। बता दें कि वर्ष 2014 मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चारों धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ,यमुनोत्री और गंगोत्री को रेल लाइन से जोड़ने का संकल्प लिया गया था जिसको पूरा करने के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड आरवीएनएल और उत्तराखंड सरकार एक साथ कार्य कर रही है। लेकिन रेलवे लाइन का कार्य अभी पूर्ण रुप से शुरू भी नहीं हुआ था कि लोगों के मकानों में दरारे आनी शुरू हो गई जिस कारण क्षेत्र के लोगों में बड़ी अनहोनी का भय बना हुआ है। इन दिनों सुमेरपुर से गौचर के लिए रेल परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन जिन गांवों के नीचे सुरंग बन रही है, उनके घरों में दरारें पड़ने लगी है, डर के मारे लोग रातभर सो नहीं पाते। मरोड़ा गांव के लोगो का भी यही हाल है। यहां कई मकानों में दरारें पड़ गई है, जिससे भविष्य में कोई दुर्घटना होने का भय है। इसी प्रकार रुद्रप्रयाग जिले के ही नरकोटा गांव में भी सुरंग निर्माण के कारण कई भवनों पर बड़ी दरारें पड़ गई है। पीड़ित परिवार खौफ में जिंदगी गुजार रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन पीड़ित परिवारों की परेशानी को अनदेखा कर रहे हैं। इस वजह से वहां के ग्रामीणों के बीच में भारी आक्रोश है।