Dehradun Property Sale: राजधानी देहरादून में सरकार के नाम चढ़ी 100 बीघा जमीन, कई व्यक्तियों के खिलाफ हुए नोटिस जारी, भूमि मानकों का किया गया था उल्लघंन..
Dehradun Property Sale : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है जहां पर दूसरे राज्यों के कुछ व्यक्तियों द्वारा बिना अनुमति के खरीदी गई 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि और निर्धारित प्रयोजन के लिए खरीदी गई भूमि में प्रशासन को मानकों का उल्लंघन पाया गया है जिसके तहत सदर क्षेत्र की करीब 100 बीघा भूमि पर चढ़े व्यक्तियों के नाम को काटकर सरकार के अधीन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मानकों के विपरीत खरीदी गई भूमि में बड़ी संख्या पर अय्याशी के अड्डे चलाए जा रहे थे जिसका भांडा फोड़ कर कई व्यक्तियों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए हैं।
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बता दें राजधानी देहरादून मे अन्य राज्यों के व्यक्तियों द्वारा बिना अनुमति के 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदी गई है जो भूमि मानकों का उल्लघन है और प्रशासन ने इस पर बड़ी कार्यवाही की है। दरअसल सदर क्षेत्र में करीब 100 बीघा भूमि से संबंधित व्यक्तियों का नाम काटकर इसे सरकार के नाम किया गया है। जिसमें 46 प्रकरणों में 60 व्यक्तियों को उप जिला अधिकारी न्यायिक कुमकुम जोशी ने नोटिस जारी कर 17 मार्च को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया है। वही 100 बीघा जमीन को सरकार के नाम पर चढ़ाया गया है जिसमें अधिकतर खरीद दिल्ली, हरियाणा ,नोएडा उत्तर प्रदेश पश्चिम के व्यक्तियों ने की है। मानको के विपरीत खरीदी गई भूमि पर बड़ी संख्या में रिजॉर्ट क्लब पब आदि के नाम पर अय्याशी के अड्डे चलाए जा रहे हैं जिन पर सरकार ने अब अपना शिकंजा जमाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अन्य जिलों के साथ देहरादून में कराई गई जांच में जिला प्रशासन ने 281 प्रकरण ऐसे पकड़े हैं जिनमे भूमि खरीद के नियमों का उल्लंघन पाया गया है यदि क्षेत्रफल के हिसाब से देखा जाए तो इस तरह की भूमि जिले में 750 बीघा से अधिक पाई गई है।
जिलाधिकारी सवीन बंसल ने जारी किए आदेश (DM Savin Bansal Order)
जिस पर जिलाधिकारी सवीन बंसल ने आदेश जारी करते हुए सभी जिला अधिकारियों को फरवरी माह में इन प्रकरणों का निस्तारण करने के निर्देश दिए थे जिसमें करीब 300 बीघा भूमि को प्रशासन ने फरवरी माह के आरंभ में सरकार के अधीन किया था। बताते चले राजधानी देहरादून के बड़ासी ग्रांट में वर्ष 2012 में सरकार की अनुमति से रिसॉर्ट और उद्यान के नाम पर 4.4 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई और इस भूमि पर कुछ नहीं किया गया दूसरी तरफ सरकार को बिना बताए इसे बेच दिया गया। जिसकी तमाम शिकायतों के बाद प्रकरण को अधिकारी फाइलों में दबा दिया गया हालांकि जब यह मामला सविन बंसल के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पर त्वरित कार्यवाही की। बताया जा रहा है कि पांच अलग-अलग विक्रय पत्र में वर्ष 2013 में बेची गई भूमि में स्टांप अदा करने के लिए भूमि की थानो मुख्य मार्ग से दूरी 350 मीटर से अधिक दिखाई गई जबकि पूर्व मे यह दूरी 180 मीटर तक पाई गई है। वही स्टांप शुल्क भी 350 मी भूमि के हिसाब से जमा कराया गया है जो 25 लाख रुपए के करीब कम थे यानी इसकी कुल राशि अर्थदंड के साथ बढ़कर एक करोड रुपए से अधिक होना पाया गया है। जिस पर सरकार ने कई व्यक्तियों के खिलाफ नोटिस जारी कर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है।