uttarakhand: मर्सोली गांव का संदीप बना सेना में लेफ्टिनेंट डाक्टर, माता-पिता के साथ गौरवान्वित हुई समूची देवभूमि..
देवभूमि उत्तराखंड के वाशिंदों के सेना के प्रति लगाव से आज हर कोई परिचित हैं। जहां भारी संख्या में राज्य के युवाओं द्वारा सेना में जाकर देशसेवा करने को अपना लक्ष्य बना लेना इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है वहीं जनसंख्या के हिसाब से भारतीय सेना में राज्य के वाशिंदों की उपस्थिति ने अन्य सभी राज्यों को भी कहीं पीछे छोड़ दिया है। आज एक बार फिर हम आपको राज्य के एक ऐसे होनहार युवा से रूबरू करा रहे हैं जिसने डाक्टर बनकर न सिर्फ अपने माता-पिता के सपने को साकार किया बल्कि सेना में लेफ्टिनेंट डाक्टर बनकर समूचे राज्य को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर भी प्रदान किया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले संदीप भट्ट की, जो बीते बृहस्पतिवार को एएफएमसी की पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट डाक्टर बन गए है। संदीप की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके माता-पिता खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं वहीं समूचे क्षेत्र में भी हर्षोल्लास का माहौल है।
यह भी पढ़ें:- उत्तराखण्ड की बेटी दृष्टि बनी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट, प्रदेश को किया गौरवान्वित
वर्तमान में पिथौरागढ़ जिले के ऐचोली में रहता है संदीप का परिवार:- प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के आठगांव सिलिंग के मरसोली गांव निवासी संदीप भट्ट सेना में लेफ्टिनेंट डाक्टर बन गए है। उन्हें यह अभूतपूर्व उपलब्धि बीते गुरुवार को आयोजित आर्म फोर्सेस मेडिकल कॉलेज की पासिंग आउट परेड में कंधों में सितारे लगने के बाद हासिल हुई। बता दें कि संदीप का परिवार वर्तमान में पिथौरागढ़ जिले के ही ऐचोली में रहता है। सेना में लेफ्टिनेंट डाक्टर बनकर राज्य का मान बढ़ाने वाले संदीप के पिता रमेश चंद्र भट्ट सहायक अध्यापक राउमावि निसनी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि उनकी माता गंगा भट्ट राप्रावि पत्थरपानी में प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात है। अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता के साथ-साथ अपनी मेहनत एवं गुरूजनों को देने वाले संदीप ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा विस्डम नर्सरी से तथा इंटरमीडिएट तक की शिक्षा सोरवैली पब्लिक स्कूल से प्राप्त की है। बताते चलें कि आर्म फोर्सेस मेडिकल कॉलेज से पूर्व वह अपनी प्रतिभा के दम पर ऋषिकेश एम्स एवं सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में भी दाखिला पा चुके थे।
यह भी पढ़ें:- भगत सिंह कोश्यारी के अनुरोध पर केन्द्रीय रेलवे ने शुरु की मुम्बई से उत्तराखण्ड के लिए नई ट्रेन