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उत्तराखण्ड

चम्पावत

उत्तराखण्ड में पकड़ी गई पाक मूल की अमेरिकी नागरिक से हुए बड़े खुलासे, अब हो चुकी है जेल में बंद

alt="farid malik uttarakhand"राज्य के चम्पावत जिले के भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बनबसा में पकड़ी गई पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिक महिला के मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। उसके पल-पल बदलते हुए बयान से खुफिया एजेंसियों द्वारा आशंका जताई जा रही है कि उसके तार हनी ट्रैपिंग से जुड़े हो सकते हैं। पढ़ी लिखी होने के साथ खूबसूरत व अविवाहित महिला होने के कारण खुफिया एजेंसियां यह भी अंदेशा लगा रही है कि फरीदा गिरोह में रहकर खास लोगों को फंसाने का काम कर रही है। खुफिया एजेंसियों की तहकीकात आईबी के उस एलर्ट की भी पुष्टि कर रहे हैं जो हाल ही में आईबी दर्शाया जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कुछ महिला आइएसआइ एजेंट नेपाल से भारत में प्रवेश करने के लिए नेपाल पहुंच चुके हैं। फरीदा मलिक के बयानों के अनुसार वह पूर्व में भी कई बार बिना पासपोर्ट के इंडिया आ चुकी है। उसके फोन में मिला एक मैसेज इस बात की भी पुष्टि करता है कि वह जनवरी में भी भारत आ चुकी है। फिलहाल उसके पास वैध कागजात नहीं पाए जाने पर उसके खिलाफ 3 पासपोर्ट अधिनियम 1920 और 14 विदेशी अधिनियम 1946 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। जहां ‌उसका मेडिकल‌ भी कराया गया।




पाकिस्तान के कराची में 1968 में पैदा हुई थी :गौरतलब है कि शुक्रवार रात को इंडो-नेपाल बार्डर पर काठमांडू की एक बस में इमीग्रेशन चेक पोस्ट कर्मियों द्वारा पाकिस्तान मूल की अमेरिकी नागरिक को संदिग्धावस्था में गिरफ्तार किया गया था। बस में पूछताछ पर उसने पहले खुद को नेपाली नागरिक बताते हुए दिल्ली जाने की बात कही थी। परंतु आईडी कार्ड दिखाने के लिए कहने पर वह सकपका गई जिससे इमीग्रेशन चेक पोस्ट कर्मियों का शक यकीन में बदल गया और वह उसे संदिग्धावस्था में इमीग्रेशन चेक पोस्ट ले आए जहां उससे सख्ती से पूछताछ करने पर उसने स्वयं को पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिक फरीदा बताया। उसका यह भी कहना था कि वह अपना पासपोर्ट काठमांडू में भूल आई है। वह पाकिस्तान के कराची में 1968 में पैदा हुई और 16 वर्ष बाद यूएसए के वाशिंगटन रहने चली गई। जहां 1992 में उसे यूएसए की नागरिकता मिल गई। बता दें कि महिला के पास पासपोर्ट और वीजा न पाये जाने पर पूछताछ के बाद देर रात्रि उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया। जहां उससे खुफिया एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही है, और उस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।




 महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया : पुलिस कस्टडी में खुफिया एजेंसियों द्वारा की गई पूछताछ में उसने अपने बयानों को बार-बार बदला। प्राप्त जानकारी के मुताबिक फरीदा एक साइंस ग्रेजुएट है और 2014 से पहले वह अलग-अलग साइबर कंपनियों में अमेरिका में काम कर चुकी है। वह फर्राटेदार अंग्रेजी के साथ-साथ अच्छी हिंदी भी बोलती है। तहकीकात में यह भी सामने आया है कि वह जून में ईद के समय वह कराची गई थी। उसे पाक बार्डर पर सख्ती का पता था जिस कारण उसने वहां से भारत में प्रवेश करने की बजाय नेपाल का सुरक्षित रास्ता चुना। बताते चलें कि उसके पास करीब एक-एक लाख रुपये के दो महंगे मोबाइल थे। एक हाथ में गोल्ड की चूडिय़ां पहने हुई थी। पूछताछ के दौरान उसने यह भी बताया कि वह 1995 से लगातार भारत में गलत तरीके से आ रही है। यहां तक कि वह जो भी फोन नंबर दे रही थी उन सभी पर फोन ही नहीं लग रहा। इन सभी गतिविधियों को देखते हुए खुफिया एजेंसियां फरीदा को संदिग्ध मान रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस संदिग्धावस्था में अब फरीदा को जल्द ही फरीदा को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। फिलहाल बगैर पासपोर्ट व वीजा के नेपाल के रास्ते भारत में आ रही पाकिस्तान मूल की अमेरिकी महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।




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