Kapkote Bageshwar Road: कपकोट विकासखंड के किमू गांव में पहली बार पहुंची गाड़ी तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं
जहां उत्तराखंड को अलग राज्य बने हुए 21 वर्षों से ज्यादा हो गए हैं वही राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी सुविधाओं की स्थिति काफी जर्जर है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग आज भी अपने गांव में पहली बार गाड़ी पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। जब सड़क विहीन इन गांवो में पहली बार गाड़ी पहुंचे तो ग्रामीणों की खुशी देखते ही बनती है। जी हां हम बात कर रहे हैं बागेश्वर जिले के कपकोट विकासखंड के अंतिम गांव कीमू की। जहां पहली बार ब्लॉक प्रमुख और पूर्व विधायक वाहन से गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने ढोल, दमाऊ की थाप पर नाचते हुए फूल-मालाओ से उनका स्वागत किया। बता दें कि पूर्व विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव एवं ब्लॉक प्रमुख गोविंद सिंह दानू ने 15 अक्तूबर 2021 को सड़क निर्माण के लिए भूमिपूजन करके कटान का काम शुरू करवाया था। लगभग आठ महीने में सड़क निर्माण के लिए कटान का कार्य पूरा हो चुका है।(Kapkote Bageshwar Road) यह भी पढ़िए:उत्तराखंड: लोहाघाट रीठा साहिब के बीच शुरू हुई रोडवेज बस सेवा जानिए शेड्यूल
बताते चलें कि पांच किमी लंबी सड़क निर्माण के कटान में लगभग 90 लाख रुपये का खर्च आया है। ब्लॉक प्रमुख दानू का कहना है कि पूर्व विधायक के कार्यकाल के दौरान कपकोट विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा हुआ है। वही कीमू गांव तक सड़क का कटान होने के बाद अब कपकोट क्षेत्र के अंतिम गांव के लोग भी यातायात की सुविधा से जुड़ पाएंगे। सड़क कटान के बाद जब पहली बार वाहन गांव तक पहुंचा तो ग्रामीणो खुशी का ठिकाना नहीं रहा । वही ग्रामीणों द्वारा ब्लॉक प्रमुख और पूर्व विधायक से सड़क के अवशेष दो किमी और पिथौरागढ़ के नामिक को जोड़ने के लिए तीन किमी तक सड़क के कटान का कार्य भी जल्द शुरू करवाने की मांग की गई है । यह भी पढ़िए:उत्तराखंड: गांव में पहली बार पहुंची गाड़ी तो खुशी से झूम उठे ग्रामीण, तीन दशक से थी सड़क की मांग