Haridwar rishikesh Ganga corridor: बजट मे हरिद्वार – ऋषिकेश कॉरिडोर का जिक्र, श्रद्धालुओं को जाम से मिलेगी निजात…
Haridwar rishikesh Ganga corridor: उत्तराखंड में बीते गुरुवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 1,01175.33 करोड रुपए का बजट पेश किया। जिसमें हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर का भी जिक्र किया गया। इस बजट के तहत ऋषिकेश में तपोवन समेत अन्य कई स्थानों को विकसित किया जाएगा जबकि हरिद्वार के धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए व श्रद्धालुओं के अत्यधिक दबाव को बढ़ता देख इस कॉरिडोर का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। कॉरिडोर के बन जाने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे इतना ही नहीं बल्कि अन्य कई व्यवसायियों को भी मुनाफा होगा।
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Ganga corridor project Haridwar rishikesh बता दें बीते गुरुवार को प्रदेश के वित्त मन्त्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 1,01175.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें महिलाओं समेत युवाओं के लिए यह बजट खास रहा। इतना ही नहीं बल्कि इस बजट में हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर का भी जिक्र किया गया जिसके तहत ऋषिकेश में तपोवन रेलवे स्टेशन आईएसबीटी और त्रिवेणी घाट के आसपास के इलाकों को कॉरिडोर के अंतर्गत विकसित किया जाएगा जिससे ऋषिकेश और हरिद्वार धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र और अधिक विकसित होंगे इतना ही नहीं बल्कि गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का दबाव भी कम होगा। प्रदेश सरकार द्वारा हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा किनारे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर एक नया कॉरिडोर बनाने की योजना है जिसका जिक्र इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है जो तीर्थ यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करेगा।
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ganga corridor project uttarakhand बताते चले हरिद्वार में देवपुरा भूपत वाला हर की पैड़ी कनखल और भारत माता मंदिर क्षेत्र को इस योजना में शामिल किया गया है जबकि ऋषिकेश में तपोवन रेलवे स्टेशन आईएसबीटी और त्रिवेणी घाट के आसपास के इलाकों को कॉरिडोर के अंतर्गत विकसित किए जाने की योजना है। कॉरिडोर के निर्माण के तहत ओपन स्पेस विकसित किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को अधिक जगह मिल सके और स्नान पर्वों के दौरान भीड़ को सुव्यवस्थित किया जा सके। बताया जा रहा है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री विशेश्वर टुडू ने पिछले दिनों हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर का निरीक्षण भी किया था इस दौरान उन्होंने भीमगोडा बैराज और गंगा के डायवर्जन का जायजा लेते हुए प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए थे जिसे ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कॉरिडोर के बन जाने से तीर्थ स्थान पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा इतना ही नहीं बल्कि होटल रेस्टोरेंट और अन्य सेवाओं की मांग बढ़ने की संभावना है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2026 तक इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाए ।
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