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फोटो सोशल मीडिया Ganga Rawat Bering Pithoragarh

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पिथौरागढ की गंगा रावत ने अंटार्कटिका में खोजी कवक की नई प्रजाति, बढ़ाया देश प्रदेश का मान

Ganga Rawat Bering Pithoragarh : बेरीनाग की गंगा रावत ने अंटार्कटिका में खोजी का कवक की नई प्रजाति, देश का नाम किया रोशन….

Ganga Rawat Bering Pithoragarh: एक समय था जब बेटियों को सिर्फ घर का कामकाज व चूल्हा चौका करने के लिए चार दिवारी तक सीमित रखा जाता था जिसके चलते बेटियां अपने भीतर छुपी कई सारी प्रतिभाओं को अच्छे से नहीं निखार पाती थी लेकिन अब एक ऐसा दौर आ चुका है जिसमें बेटियां बेटों की तरह हर क्षेत्र में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है इतना ही नहीं बल्कि कई उच्च मुकाम हासिल कर प्रदेश समेत देश का मान भी बढ़ा रही है। इतना ही नहीं बल्कि यहां की कई सारी होनहार बेटियां विज्ञान जैसे प्रतिष्ठित क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाढ़ रही हैं। हम आए दिन आपको ऐसी ही होनहार बेटियों से रूबरू करवाते रहते हैं जिन्होंने किसी विशिष्ट क्षेत्र में सफलता हासिल की हो। आज हम आपको पिथौरागढ़ जिले की गंगा रावत से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने अंटार्कटिका में एक नए कवक की प्रजाति खोज कर पूरे देश का मान बढ़ाया है।
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Ganga Rawat fungus in Antarctica बता दें पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय की छात्रा गंगा रावत ने नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस पुणे के वैज्ञानिकों के साथ अंटार्कटिका में एक नई कवक की प्रजाति खोजी है जिसका नाम उन्होंने ल्यूकोन्यूरोस्पोरा भारतीएंसिस रखा है। दरअसल गंगा रावत बचपन से ही विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखती आई है जिसके तहत वह वर्ष 2022 में विज्ञानशाला के स्टेम चैंपियन प्रोग्राम का हिस्सा भी रही । इतना ही नहीं बल्कि गंगा ने अपनी मेहनत और कठिन परिश्रम के बलबूते पर विज्ञानशाला के मेंटर्स के दिशा निर्देश पर फेर्गुसन कॉलेज पुणे में एमएससी बायो-कैमिस्ट्री में प्रवेश लिया जिससे उन्हें इस शोध में कार्य करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
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Ganga Rawat fungus species इतना ही नहीं बल्कि पढ़ाई जारी रखते हुए गंगा ने 5 मई से 5 जुलाई 2024 तक एनसीसीएस पुणे में प्रशिक्षु के रूप में कार्य किया। जिसमें उन्होंने फंगल के नमूने के विश्लेषण में सहायता की ओर निष्कर्ष को और अधिक समृद्ध किया। इस खोज के पीछे डॉक्टर अविनाश शर्मा डॉक्टर रामेश्वर अवचार और नम्रता दिया के साथ गंगा रावत ने विशेष उपलब्धि हासिल की। बताते चले यह खोज अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फंगल सिस्टमैटिक्स और इवोल्यूशन वॉल्यूम 14 दिसंबर 2024 में प्रकाशित हुई है। गंगा की इस विशेष उपलब्धि के बाद से उन्हें लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

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