Pithoragarh District Hospital: पेड़ से गिरी बेटी को अगर स्थानीय अस्पताल में ही मिल जाता है इलाज तो शायद बच जाती एक जिंदगी
उत्तराखंड में फिर एक बेटी स्वास्थ्य सेवाओं के बदहाली के चलते मौत के मुंह में समा गई। जी हां मामला है पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट क्षेत्र के पव्वाधार कुनारू गांव का जहां एक 17वर्षीय किशोरी अनामिका पुत्री अर्जुन सिंह घर के समीप ही एक पेड़ से नीचे गिर गई। परिजन गंभीर अवस्था में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहाँ डॉ. कोमल जोशी ने किशोरी की स्थिति को देखते हुए प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया। परिजन किशोरी को लेकर पनार के समीप पहुंचे ही थे की किशोरी ने दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने किशोरी की जान ली है। अगर उसे सीएचसी में ही उपचार मिल जाता तो उसे अपनी जान नहीं गवानी पड़ती। किशोरी की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। (Pithoragarh District Hospital) यह भी पढ़िए :उत्तराखंड: पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, प्रसूती महिला ने रास्ते में ही तोड़ा दम
मात्र रेफर सेंटर बन के रह गए पहाड़ के अस्पताल बता दें की यह सीमांत जिले पिथौरागढ़ का कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई गर्भवती महिलाओं ने रेफर के दौरान ही अपनी जान गवाई है इसके बाद भी यहां के नेता और शासन प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति चुप्पी साधे रहा। बाकी उत्तराखंड नेताओं के ऊपर तो क्या टिप्पणी करें वह तो बस दलबदलू तक ही सीमित रह गए हैं,। इसी वजह से पहाड़ के लचर स्वास्थ्य सेवाओं का खामियाजा यहां के ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी बेटी की मौत से परिजनों में काफी आक्रोश दिख रहा है, उनका कहना है कि यहां के चिकित्सालय सिर्फ और सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं। यह भी पढ़िए : उत्तराखंड: पहाड़ में प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप