भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट (lieutenant) बनने वाले पहले सदस्य होंगे निर्मल, सैन्य परिवार से रखते हैं ताल्लुक..
राज्य के युवा देश की सेनाओं का हिस्सा बनकर न सिर्फ अपना सपना साकार कर रहे हैं बल्कि समूचे उत्तराखंड का गौरव भी बढ़ा रहे हैं। यही कारण है कि जब भी सेना के बारे में बातें होती हैं तो देवभूमि उत्तराखंड का नाम हमेशा गर्व और सम्मान के साथ लिया जाता है। आज एक बार फिर हम आपको राज्य के एक ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जो भारतीय सेना में अफसर बनने जा रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रहने वाले निर्मल जोशी की, जिनका चयन एनडीए में हो गया है। अब वह सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर कुछ वर्षों पश्चात सेना में लेफ्टिनेंट (lieutenant) बन जाएंगे। सबसे खास बात तो यह है कि सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले निर्मल ने एनडीए में चयनित होकर न सिर्फ अपने बचपन के सपने को साकार किया है बल्कि अपनी इस अभूतपूर्व सफलता से परिजनों के सपनों को भी हकीकत में बदल दिया है। निर्मल ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।
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देवभूमि दर्शन से खास बातचीत:-
बता दें कि मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के रहने वाले निर्मल जोशी ने एनडीए के परीक्षा परिणामों में पूरे देश में 326वीं रैंक प्राप्त की है। भारतीय सेना में अधिकारी बनने जा रहे निर्मल ने देवभूमि दर्शन से हुई खास बातचीत में बताया कि वर्तमान में वह अपने परिजनों के साथ राज्य के नैनीताल जिले की हल्द्वानी तहसील के छड़ायल में रहते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि निर्मल अपने परिवार के ऐसे पहले सदस्य हैं जो सेना में अधिकारी बनने जा रहे हैं। उनके पिता दिनेश चंद्र जोशी जहां भारतीय सेना में नायब सूबेदार हैं वहीं उनकी मां भावना जोशी कुसुमखेड़ा में एक ब्यूटी पार्लर के साथ ही गिफ्ट शॉप चलाती है। अपनी प्रारम्भिक शिक्षा ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल अल्मोड़ा और होली एन्जेल स्कूल अल्मोड़ा से प्राप्त करने वाले निर्मल ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई नैनी वैली स्कूल से की है। इस दौरान उन्हें हाईस्कूल में जहां 79.8 फीसदी अंक मिले वहीं इंटरमीडिएट में उन्होंने 87.8 फीसदी अंक प्राप्त किए। एनडीए की तैयारी कर रहे अन्य युवाओं को निर्मल ने यही संदेश है कि हमें स्कूल में पढ़ाई के साथ ही स्कूल में होने वाली अन्य प्रतियोगिताओं जैसे खेल-कूद में भी हिस्सा लेना चाहिए, युवाओं को 11वीं एवं 12वीं में गणित और विज्ञान विषय में अधिक ध्यान देना चाहिए।
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