लोकसभा के चुनावी महासंग्राम में उतरने से पहले ही हरीश रावत के टिकट को लेकर कांग्रेस में घमासान छिड़ गया था। पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को सियासत का बड़ा और काफी चतुर खिलाड़ी माना जाता है, लेकिन जमीनी राजनीति में माहिर माने जाने वाले हरदा मोदी लहर के सामने आज फिर नतमस्तक हो गए। उत्तराखंड के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाने वाले ऐसे राजनीतिज्ञ माने जाते हैं, जो अपने प्रतिद्वंदियों से मात खाने के बाद हर बार और मजबूत होकर उभरे और केंद्र में कैबिनेट मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद अंतत: प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए। लेकिन इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकने के बावजूद वह राउंड दर राउंड पिछड़ते चले गए और नतीजा इतना निराशजनक मिला की अजय भट्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत को 339096 वोटों के अंतर से हरा दिया। मोदी मैजिक में जिस तरह उनकी पराजय हुई इससे उन्हें अपना राजनीतिक वजूद बड़ा करने के लिए अब अतिरिक्त संघर्ष करना पड़ेगा। हरीश रावत ने सूझबूझ तो ऐसी लगाई की हरिद्वार की जगह नैनीताल से चुनाव लड़ना तय किया, लेकिन वह न खुद जीत पाए और न ही कांग्रेस को कुछ जवाब देने लायक रहे।
सोशल मीडिया पर कर रहे है अपना दुःख व्यक्त : हरदा बोले “Bhagat Singh Koshyari जी, Bharatiya Janata Party (BJP) की इस शानदार जीत के मौके पर आपको बधाई। आपने मुझे याद किया, आपने मेरी तुलना गीदड़ से की। बड़े भाई हैं, आपने अपने जीत के क्षण में जो भी कह दिया, शिरोधार्य है। चलिए आपने मुझे लकड़बग्घा तो नहीं कहा जो केवल दूसरों का मारा हुआ खाता है मगर एक बात याद रखियेगा यदि आपने और आपकी पार्टी ने #उत्तराखंडियत के लिये और उन पहलों के लिये जो मेरी सरकार ने 3 साल में प्रारंभ की थीं, उनको आगे नहीं बढ़ाया और कुछ विशेष नहीं किया तो इस गीदड़ की मौत से ही 2022 में हाथ का परचम लहरायेगा।