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Uttarakhand hospital condition doctor
सांकेतिक फोटो

उत्तराखण्ड

नैनीताल

Uttarakhand hospital: पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, अस्पतालों में 80% डॉक्टरों की कमी

Uttarakhand hospital condition doctor: पहाड़ों पर चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, 80% डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे अस्पताल….

Uttarakhand hospital condition doctor: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति काफी दयनीय है यहां पर अस्पतालों में करीब 80% डॉक्टरों की कमी है जिसके चलते स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों की सुविधाएं लगातार चरमरा रही हैं। यह समस्या विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक गंभीर है जहां पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मुश्किल होती है। डॉक्टरों की भारी कमी के कारण कई अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को आवश्यक उपचार नहीं मिल पाता है जिसके कारण उन्हें मैदानी इलाकों के बड़े अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ता है इसके अलावा उपकरणों और संसाधनों की भी कमी है जिससे हालत गंभीर हो जाते हैं।
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Uttarakhand news today बता दें उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों के हाल किसी से छुपे नही है। दरअसल आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की 80% कमी है जिसका खुलासा स्वास्थ्य मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट मे हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार पहाड़ों में 80 हजार की जनसंख्या पर एक सीएचसी होनी चाहिए लेकिन वहां पर 44 सीएचसी की कमी है। रिपोर्ट में 31 मार्च 2023 तक स्वास्थ्य सेवाओं का विश्लेषण किया गया और इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुसार विशेषज्ञ डॉक्टरों की 80% कमी का खुलासा हुआ। जिसमें पर्वतीय क्षेत्र के सीएचसी गाइनाकोलॉजिस्ट, सर्जन, फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ और एनेस्थेटिस्ट के 245 डॉक्टरों की जरूरत है लेकिन वर्तमान में केवल 48 डॉक्टर ही कार्यरत हैं जबकि 197 पद खाली हैं। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि अधिकांश सीएचसी में गाइनाकोलॉजिस्ट डॉक्टर मौजूद नहीं हैं वर्ष 2005 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 44 सीएचसी थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 49 हो गई है।

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Uttarakhand latest news today इतना ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज है जहाँ पर एमबीबीएस डॉक्टर को पीजी करने की सुविधा है हालांकि पीजी कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर ग्रामीण उत्तराखंड में सेवाएं नहीं दे रहे हैं। प्रदेश में कुल 1240 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद सृजित हैं लेकिन इनमें से लगभग 500 ही कार्यरत हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी केवल उत्तराखंड मे ही नही बल्कि पूरे देश में है। प्रदेश सरकार इस कमी को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और उम्मीद है कि 2027 तक विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी तरह दूर हो जाएगी।

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