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Lansdowne Jaiharikhal Gumkhal pauri garhwal helicopter heli service
सांकेतिक फोटो Lansdowne helicopter heli service

उत्तराखण्ड

लैंसडाउन के लिए शुरू होगी हेली सेवा, प्राकृतिक सौंदर्यता के साथ सफर का लाभ उठाएंगे यात्री

Lansdowne helicopter heli service: पौडी के लैंसडाउन के लिए जल्द शुरू होगी हेली सेवा, जयहरीखाल व गुमखाल के प्राकृतिक सौंदर्यताओं का भी उठा सकेंगे यात्री लुफ्त…..

Lansdowne helicopter heli service: उत्तराखंड के पौड़ी जिले के लैंसडाउन क्षेत्र के लिए जल्द ही हेली सेवा शुरू होने जा रही है जिसके चलते यात्रियों की राह आसान होगी इतना ही नही बल्कि उन्हे जयहरीखाल और गुमखाल जैसी प्राकृतिक सौंदर्यता वाली जगहों का नजारा भी देखने को मिलेगा। जो पर्यटकों के लिए एक नए और रोमांचक अनुभव का अवसर प्रदान करेगी जिसे सुविधा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बताते चलें लैंसडाउन अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है जहां पर हेली सेवा मिलने से यात्रियों की यात्रा सुलभ हो सकेगी।
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Lansdowne Jaiharikhal Gumkhal pauri garhwal helicopter service बता दें उत्तराखंड के पौड़ी जिले मे स्थित लैंसडाउन क्षेत्र देश विदेश में अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सैनिक छावनी के लिए जाना जाता है जहां पर अक्सर गर्मियों के दौरान पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। जिसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने लैंसडाउन को हेली सेवाओं से जोड़ने की घोषणा की थी लेकिन कैंड बोर्ड की बाध्यता के चलते लैंसडाउन में हेलीपैड के लिए भूमि का चयन नहीं हो पाया था जिसके बाद जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष चौहान ने लोक निर्माण विभाग को कैंट क्षेत्र से बाहर भूमि तलाशने को कहा था इसके अनुरूप लोनिवी ने ओडल गांव के पास हेलीपैड बनाने के लिए भूमि का चयन किया गया है जिसका प्रस्ताव जिला अधिकारी को भेज दिया गया है और अब जल्द ही लैंसडाउन से 10 किलोमीटर दूर ओडल मे हेलीपैड के निर्माण से पर्यटक लैंसडाउन के साथ ही जयहरीखाल, गुमखाल व द्वारीखाल क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्यता का भी लुप्त उठा सकेंगे। बताते चलें लैंसडाउन मे गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर का मुख्यालय भी है जहां पर कभी भी वीआईपी पहुंच जाते हैं जिसके लिए उन्हें हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए सेना की अनुमति लेकर सेना के हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर को उतारना होता है। इतना ही नही बल्कि सेना के इनकार करने पर वीआईपी को 6 किलोमीटर दूर हेलीकॉप्टर को लैंड करना पड़ता है लेकिन अब भूमि के चयनित होने से उन्हे इस तरह की परेशानियों से नहीं गुजरना पड़ेगा।

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