लोकसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से निशंक के नामांकन को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले मनीष वर्मा ने एक याचिका दाखिल की है। याची के मुताबिक रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने नामांकन के शपथ पत्र में तथ्य छुपाए। निशंक की ओर से मुख्यमंत्री आवास के किराए का 2.7 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। दरअसल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के खिलाफ उत्तराखंड के सीएम रहते हुए उपयोग में लाए गए आवास के भुगतान के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका पर आज न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ सुनवाई करेगी। सबसे खाश बात तो ये है की राज्य सरकार भी उच्च न्यायालय में इस तथ्य को अपने शपथ पत्र में स्वीकार कर चुकी है। याचिका में निशंक से जुड़ी जल विद्युत परियोजनाओें, स्टूर्डिया और मेडिकल कॉलेज के संबंध में जमीन आवंटन आदि मामलों का भी जिक्र किया गया है। राज्य सरकार के द्वारा आवंटित संपत्ति का विवरण भी शपथ पत्र में नहीं दिया गया है। इन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता का विवरण कहां से प्राप्त किया, यह भी स्पष्ट नहीं किया है।
उत्तराखण्ड हाई कोर्ट में अपने को Y+ सुरक्षा दिलाने को लगाई थी गुहार : बता दे की निर्दलीय प्रत्याशी मनीष वर्मा ने बीजेपी के प्रत्याशी और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से अपने आप को खतरा बताया था। जिसके चलते उन्होंने Y+ सुरक्षा दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था की उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार निशंक के नामांकन को लेकर गंभीर तथ्य उजागर किये थे ,उन्होंने इस आधार पर अपने आप को निशंक से खतरा बताया था। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ में हुई और अदालत ने याचिका को पूर्ण रूप से निस्तारित कर दिया था