21 साल बाद भी हालत जस के तस, विकास की बाट जोह रहे पहाड़, काली अंधेरी रात में बारिश के बीच रास्ते पर गर्भवती महिला ने दिया बच्चे को जन्म (Uttarakhand pregnant women news)…
उत्तराखण्ड में सत्ता का सुख भोगने वाली राजनीतिक पार्टियां और बड़े छोटे सभी राजनेता भले ही उनके नेतृत्व में पहाड़ का विकास होने का लाख दावा करते हों परन्तु वास्तव में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों का कितना विकास हुआ है? और अलग राज्य बनने का कितना फायदा वास्तव में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले वाशिंदों को मिला है इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण उस खबर से लगाया जा सकता है जो बीती रात राज्य के अल्मोड़ा जिले में घटित हुई है। अब यहां कुछ लोग कहेंगे कि हम काफी बड़ा चढ़ाकर लिख रहे हैं तो आप खुद ही उस दृश्य को हमारे शब्दों से देख लीजिए। पूस की सर्द रात, आसमान से गरज-चमक के साथ बरसती बारिश, पहाड़ के ऊंचे नीचे पथरीले रास्तों पर रपटते-फिसलते पांव और काली रात की वह घनघोर घटाएं, जिसमें कुछ ग्रामीण टार्च लेकर एक प्रसूता को डोली के सहारे अस्पताल ले जाने का प्रयास कर रहे है। न सड़क और ना ही कोई संसाधन। दिल को झकझोर कर देने वाली जिस दृश्य की कल्पना मात्र से ही हमारे रोंगटे खड़े हो गए हैं वह वास्तव में बीते रोज अल्मोड़ा जिले में घटित हुई एक सच्ची दास्तां है। जहां आधी रात के घनघोर अंधेरे में एक गर्भवती महिला ने टार्च की रोशनी में नवजात शिशु को जन्म दिया है।
(Uttarakhand pregnant women news)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ में विकास की सच्चाई को बयां करने के साथ ही दिल को झकझोर कर रख देने वाली यह खबर राज्य के अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना विकासखंड के रीठागाड़ क्षेत्र से सामने आ रही है। बताया गया है कि क्षेत्र के पतलचौरा गांव की प्रियंका वाणी पत्नी राजेंद्र सिंह वाणी इन दिनों गर्भवती थी। बीती रात उसे अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। एक तो आसमां से बरसती बारिश ऊपर से रात की काली घनघोर घटा ने सड़क से काफी दूर बसे इस गांव में रहने वाले राजेंद्र तो पत्नी की प्रसव पीड़ा को देखकर चिंतित हो उठे। आनन-फानन में उन्होंने गांव के अन्य ग्रामीणों को इस बात की जानकारी दी। जिस पर ग्रामीण प्रसव पीड़िता प्रियंका को डोली के सहारे अस्पताल ले जाने लगे। परंतु अभी वह बीच रास्ते में ही पहुंचे थे कि एकाएक प्रियंका की पीड़ा बड़ने लगी। जिस पर गांव की कुछ बुजुर्ग महिलाओं और आशा के सहयोग से प्रियंका ने अंधेरी सर्द रात में बारिश के बीच खेतों में ही बच्चे को जन्म दिया। वो तो गनीमत है कि भगवान की कृपा से जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं अन्यथा विकास के वादे करने वाली हमारी अंधी सरकारें को पहाड़ के गरीब एवं मजबूर वाशिंदों की परेशानियां दिखाई ही कहा देती है।
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