आपदा के मुहाने पर जोशीमठ, लगातार विकराल रूप ले रहा है भू-धंसाव, मंदिर हुआ धाराशाई
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Joshimath landslide disaster news: जोशीमठ के लोगों पर लगातार टूट रहा है दुखों का पहाड़, कभी भी आ सकती है भयानक त्रासदी, 561 घरों में आई भयावह दरारें, देखते ही लग रहा है डर…
प्राकृतिक आपदा झेल रहे उत्तराखण्ड के पौराणिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक शहर जोशीमठ में भूमि धंसाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। घरों और सड़कों में पड़ रही बड़ी-बड़ी दरारें न केवल लोगों को डरा रही हैं बल्कि अब भवन भी धराशाई होने लगे हैं बल्कि शुक्रवार को यहां एक मंदिर भी धराशायी हो गया है। जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है। बताया गया है कि सिंहधार वार्ड मे मां भगवती का मंदिर ढह गया है। हालांकि अभी तक कोई अन्य अप्रिय खबर नहीं मिली है और शासन प्रशासन द्वारा भी एहतियातन कई आदेश जारी कर लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दे दिए हैं परंतु ऐसे परिस्थितियों में स्थानीय रहनिवासियों के दुःख दर्द को शब्दों में बयां कर पाना संभव नहीं है। अपनी उम्र भर की जमापूंजी को क्षतिग्रस्त होते देख किसी की भी आंखें नम हो जाती है यहां तो उनके घरों पर संकट आ खड़ा हुआ है। इनमें से कई घर ऐसे हैं जिनमें न केवल स्थानीय निवासियों ने अपना बचपन गुजारा बल्कि कई लोगों के दादा-परदादाओं का जीवन भी यही व्यतीत हुआ है।
(Joshimath landslide disaster news)
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आपको बता दें कि इस संवेदनशील मुद्दे पर बीते रोज देहरादून सचिवालय में एक हाई लेवल मीटिंग आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने भी जोशीमठ भू-धंसाव की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सचिव को भेज दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 561 भवनों में दरार आई है। जिसमें गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 प्रभावित घर सम्मिलित हैं। बताते चलें कि बीते रोज गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भी भू-वैज्ञानिकों की टीम के साथ जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण किया। आपात स्थिति से निपटने के लिए यहां एसडीआरएफ ने तीन और टीमें तैनात कर दी हैं।
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