उत्तराखंड: जोशीमठ में आने वाली है भारी आपदा, कई लोग हुए बेघर तेजी से धंस रही है जमीन
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Joshimath chamoli latest news: जोशीमठ में लगातार बढ़ता जा रहा है भूमि धंसाव, सड़कों पर सर्द रातें गुजारने को मजबूर हुए लोग, अब बढ़ने लगी है शासन प्रशासन की भी चिंता….
इन दिनों उत्तराखंड एक बड़ी प्राकृतिक आपदा की आहट से गुजर रहा है। जी हां… बात चमोली जिले के जोशीमठ की हो रही है जहां भू धंसाव की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे जोशीमठ के सैकड़ों घरों में दरारें पड़ गयी हैं, और हजारों लोगों के आसियानों पर संकट के बाद मंडराने लगे हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा कि क्या पहाड़ के लोग विकास की कीमत चुका रहे हैं। दरअसल इस घटना से शासन प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। प्रभावित लोगों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है। हालात यह है कि लोग सालों की मेहनत से बनाए अपने घरों से सड़क पर आने को मजबूर हैं। बता दें कि जोशीमठ के सैकड़ों घर, अस्पताल सेना के भवन, मंदिर, सड़कों में हो रहा भूमि धंसाव दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में सामने आए कारणों के मुताबिक एक तरफ तपोवन विष्णुगढ़ परियोजना की एनटीपीसी की सुरंग ने जमीन को भीतर से खोखला कर दिया है दूसरी तरफ बायपास सड़क जोशीमठ की जड़ पर खुदाई करके पूरे शहर की बुनियाद को नीचे से हिला रही है। ऐसे में लोग अपने घरों को बल्लियों के सहारे टिकाए रहने को भी मजबूर हैं।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली जिले के जोशीमठ में भूमि लगातार धंसती जा रही है। एक ओर जहां इससे लोगों के घरों में दरारें पड़ रही है वहीं अब मकान आड़े तिरछे भी होने लगे हैं। मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। जो लोगों के खेतों तक पहुंच रहा है। इससे निचले क्षेत्र के भवनों में रह रहे लोग भी चिंतित हो गए हैं। इसके अतिरिक्त सिंहधार वार्ड में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और कई सरकारी भवनों में भी दरारें आ गई हैं। इससे अब शासन प्रशासन की चिंता भी बढ़ने लगी है। जिला प्रशासन ने जहां भू-धंसाव को लेकर कंट्रोल रुम स्थापित किया है। जिसका फोन नंबर 8171748602 है। वहीं, औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लायक नहीं हैं। रिपोर्ट में जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर चिंता जताई गई है। उधर सरकार की ओर से 14 सदस्यीय दल तथा आपदा विशेषज्ञ दल भी स्थिति का आकलन करने के लिए जोशीमठ भेजा जा रहा है
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