Junior Research Fellowship Exam : पहाड़ में ही रहकर कुटी रावत ने यूजीसी नेट परीक्षा के बाद उत्तीर्ण की जूनियर रिसर्च फैलोशिप परीक्षा
आज देश की महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रही हैं वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है । इसी कड़ी में हम आपको उत्तराखंड की एक ऐसी महिला से रूबरू कराना चाहते हैं जिसने शादी के पश्चात जिम्मेदारियों के बावजूद यूजीसी के साथ साथ जेआरएफ की परीक्षा भी पास की है। जी हां हम बात कर रहे हैं टिहरी जनपद के प्रताप नगर ब्लॉक की रौणद- रमोली पट्टी के ग्राम पंचायत बागी निवासी कुटी रावत बगियाल की जिसने यूजीसी नेट परीक्षा पास करने के बाद अब जेआरएफ जूनियर रिसर्च फैलोशिप में भी अपना शानदार प्रदर्शन दिया है। बताते चलें कि इस परीक्षा में कुटी ने 99.7 % अंक हासिल करके उन सभी लोगों को करारा जवाब दिया है जिनका मानना है कि पहाड़ में रहकर पढ़ाई नहीं की जा सकती। पहाड़ के लोगों को सफलता पाने के लिए देहरादून या हरिद्वार जैसे स्थान ही बेहतर है इस बात को कुटी ने गलत साबित कर दिया है। अगर कुछ करने की चाह हो तो इंसान कहीं पर भी रह कर कुछ भी कर सकता है। इसका उदाहरण पेश किया है, कुटी रावत बगियाल ने।
(Junior Research Fellowship Exam).
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देवभूमि दर्शन से खास बातचीत: टिहरी जनपद के प्रताप नगर ब्लॉक की बागी निवासी कुटी रावत बगियाल ने जूनियर रिसर्च फैलोशिप परीक्षा में अपना शानदार प्रदर्शन दिया है। बता दें कि सामान्य परिवार में पली- बढी कुटी रावत बगियाल की प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय नौघर से हुई है। देवभूमि दर्शन से बातचीत में कुटी ने बताया की उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय सौडखांड तथा जीजीआईसी लंब गांव से पूर्ण की है और परिवार की जिम्मेदारियों के साथ उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की। बताते चलें कि जेआरएफ एक ऐसी परीक्षा है जिसके अंतर्गत विद्यार्थी को एमफील तथा पीएचडी करने पर यूजीसी की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। कोटी रावत बगियाल को उनकी सफलता पर स्थानीय लोगों द्वारा बधाई दी जा रही है।
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