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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड: अमेरिकन कंपनी की नौकरी छोड़ ललित लौटे अपने पहाड़ और अब कर रहे हैं मशरूम की खेती

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एक ओर जहां देवभूमि उत्तराखंड में पलायन पहाड़ की जड़ों को खोखला करने में जुटा हुआ है वहीं अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनी मेहनत और हुनर के दम पर पलायन को मात देने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। सबसे खास बात तो यह है कि ये सभी लोग बिना किसी सरकारी मदद के पहाड़ में रहकर ही अपनी दिनचर्या का निर्वाह तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ एक अपने काम से अच्छी खासी कमाई कर सुखपूर्वक जीवनयापन भी कर रहे हैं। आज हम आपको राज्य के एक ऐसे ही होनहार पहाड़ी नौजवान से रूबरू करा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत एवं लगन के बल पर इस तथ्य को झुठला दिया है कि इन खुबसूरत पहाड़ी वादियों में स्वरोजगार से एक अच्छी आय नहीं प्राप्त की जा सकती। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले के ललित उप्रेती की, जो इन दिनों पहाड़ की हसीन वादियों में फूलों की खेती के साथ ही मशरूम, सब्जी, दुग्ध उत्पादन से 40 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी कर रहा है। सबसे खास बात तो यह है कि पहाड़ की हसीन वादियों में लौटने से पहले ललित एक अमेरिकन कंपनी में 80 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी कर चुके हैं।




अमेरिकन कंपनी में 80 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी छोड़ आया अपने गांव आज कमा रहा 40 हजार प्रतिमाह:-
कहा जाता है कि पहाड़ की धरती पर उद्यमी के लिए उद्यम की कमी नहीं है और इस बात को एक बार फिर सच साबित करके दिखाया है मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के कुंजनपुर गांव निवासी ललित उप्रेती ने। बता दें कि ललित 7 सालों तक एक अमेरिकन कम्पनी डीआई सेंट्रल लिमिटेड में एरिया मैनेजर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इस दौरान वह 80 हजार की रुपए की एक अच्छी-खासी पगार ले रहे थे। इस पगार से उनकी जिंदगी और भी हंसी-खुशी चल रहा था और तो और वह इन 7 सालों में 12 से ज्यादा देशों में भ्रमण भी कर चुके थे। लेकिन फिर भी एक कसक उनके दिल में थी अपने गांव-घर की हसीन वादियों में रहकर अपनी मातृभूमि के लिए कुछ बड़ा करने की चाहत। अपनी इसी इच्छा के कारण वह इस नौकरी में भी खुश नहीं थे। पौड़ी गढ़वाल की मशरूम गर्ल दिव्या रावत को अपना आदर्श मानने वाले ललित पिछले वर्ष नौकरी छोड़कर अपने घर वापस आ गए। काफी सोच-विचार करने के बाद ललित ने मई 2019 से फूल और मशरूम की खेती शुरू कर दी। पहले तो उन्हें इसमें काफी परिश्रम करना पड़ा परन्तु वह वर्तमान में फूल, मशरूम, दुग्ध, सब्जी उत्पादन से 40 हजार रुपए प्रतिमाह की आमदनी कमा रहे हैं। इस युवा उद्यमी का सपना गंगोलीहाट को मशरूम और फूलों का हब बनाने का है।




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