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लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी ने शनिवार को किया आईएमए देहरादून (ima dehradun) का कार्यभार ग्रहण…
वैसे तो देवभूमि उत्तराखंड के कई वाशिंदे देश-विदेश में ऊंचे-ऊंचे पदों पर तैनात है और इनमें से कुछ तो भारत के महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक है जिनमें देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, एनएसए अजीत डोभाल आदि सम्मिलित हैं। परन्तु आज हम आपको राज्य के एक ऐसे ही सपूत से रूबरू करा रहे हैं जिन्होंने देवभूमि उत्तराखंड में ही स्थित आईएमए की कमान संभाली हों। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी की, जो बीते शनिवार को देहरादून स्थित आईएमए (ima dehradun) के 49वें कमांडेंट बने हैं। इसे किसी भी राज्य के लिए गौरवशाली पल ही कहा जाएगा जब राज्य में स्थित देश के किसी महत्वपूर्ण संस्थान की जिम्मेदारी राज्य के ही एक वाशिंदे ने संभाली हो। यह गौरवशाली पल देवभूमि उत्तराखंड को उस समय मिला जब शनिवार को युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद लेफ्टिनेंट नेगी ने पूर्व कमांडेंट ले. जनरल एसके झा से कमांड बैटन अधिग्रहित कर आईएमए की कमान संभाली। लेफ्टिनेंट नेगी की इस उपलब्धि से जहां उनके गृह क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं सम्पूर्ण उत्तराखण्ड भी गौरवान्वित हैं। बताते चलें कि कई आतंकरोधी अभियान की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट नेगी स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड के कमांडर पद पर तैनात थे और उनका बड़ा बेटा जयंत भी मर्चेंट नेवी में तैनात हैं।
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12वीं उत्तीर्ण करने के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के लिए हुआ चयन:- बता दें कि मूल रूप से राज्य के चमोली जिले के पोखरी विकासखंड के कमद गांव निवासी लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी भारतीय सैन्य अकादमी (ima dehradun) के नए कमान्डेंट बने हैं। शनिवार को अकादमी का कार्यभार ग्रहण करने वाले लेफ्टिनेंट नेगी की प्रारम्भिक शिक्षा अपने गांव के ही एक स्कूल से प्राप्त की। बताते चलें कि प्राथमिक शिक्षा के बाद 10वीं और 12वीं की परीक्षा मेरठ के सेंट जॉन हायर सेकेंडरी स्कूल से उत्तीर्ण करने वाले लेफ्टिनेंट नेगी के पिता दयाल सिंह नेगी बैंक के कार्मिक थे जबकि उनकी मां सतेश्वरी नेगी गृहणि थीं। 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 1977 में उनका चयन खड़गवासला स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के लिए हुआ जिसके बाद आईएमए से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर वे जून-1981 में पासआउट होकर सेना की 16 डोगरा रेजीमेंट में कमीशंड हुए। अपनी 39 साल की सैन्य सेवा के दौरान अब तक वह सेना के कई अहम पदों पर तैनात रह चुके हैं। जिनमें पश्चिमी सेक्टर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान बटालियन के कमांडर रहने के साथ-साथ लेफ्टिनेंट नेगी उत्तर पूर्व में काउंटर इंसरजेंसी, असम रायफल्स सेक्टर, लद्दाख क्षेत्र के ऊंचाई वाले क्षेत्र में डिवीजन और वेस्टर्न सेक्टर में एक स्ट्राइक कोर की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।