उत्तराखण्ड: घास लेने गई महिला को गुलदार ने बनाया अपना शिकार.. घर पर बेटी करती रही मां का इंतजार
राज्य के ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों का का कहर जारी है। जंगलों से गांवों की ओर रुख कर रहे ये जंगली जानवर ग्रामीणों के लिए एक चुनौती बन चुके हैं। इन्हीं आदमखोर जंगली जानवरों के कारण लोग शाम होते ही बंद कमरे में बंद होने को मजबूर हैं। ताज़ा खबर राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले से आ रही है जहां पहले से घात लगाकर बैठे एक आदमखोर गुलदार ने घास लेने गई एक महिला को अपना निवाला बना लिया। इस दर्दनाक घटना से जहां एक ओर पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश भी है। जो बृहस्पतिवार को उस समय भी देखने को मिला जब उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद भी मृतक महिला का शव तब तक लेने से मना कर दिया जब तक कि गुलदार को आदमखोर घोषित कर मारने के आदेश नहीं दिए जाते। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने खंडाह में पौड़ी-श्रीनगर हाईवे भी जाम कर दिया। बाद में रेंजर अनिल भट्ट के द्वारा लिए गए लिखित आश्वासन के बाद ही लोग जाम खोलने पर राजी हुए। बताया गया है कि कल ही मृतक महिला की बेटी का जन्मदिन भी था और वह उससे वापस आने पर पूड़ी-पकौड़ी बनाने का वादा कर घास लेने गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह श्रीनगर के लोअर भक्तियाना निवासी मीनाक्षी नौटियाल पत्नी हरीश अन्य महिलाओं के साथ घास लेने जंगल को निकली थी। घास काटने के बाद सभी महिलाएं जैसे ही वापस लौटने की तैयारी कर रही थी कि तभी पहले से झाड़ियों में घात लगाकर छिपे हुए गुलदार ने अचानक मीनाक्षी पर हमला कर दिया। इससे पहले कि वहां मौजूद अन्य महिलाएं कुछ समझ पाती गुलदार मीनाक्षी के गले को मुंह में दबाते हुए लगभग 100 मीटर नीचे ले गया। साथ गई अन्य दोनों महिलाओं के चिल्लाने की आवाज सुनकर पर पास में ही पेड़ काट रहे मजदूरों ने घटनास्थल पर पहुंचकर महिलाओं के गांव भक्तियाना में किसी को फोन किया। तब जाकर क्षेत्र में इस घटना का पता चला। बाद में घटना स्थल से लगभग दो सौ मीटर दूर झाड़ियों के बीच महिला का क्षतविक्षत शव मिला। महिला की मौत से परिजन सदमे में हैं वहीं पूरे क्षेत्र में भी दहशत है। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार के आतंक से वह डर के साए में जीने को मजबूर हैं।
मीनाक्षी पर ही थी घर की सारी जिम्मेदारी, बेटी से जन्मदिन पर कर के गई थी बड़ा वादा:
बताया गया है कि गुलदार का शिकार हुई मृतका मीनाक्षी पर ही घर की पूरी जिम्मेदारी थी। वह गाय का दूध बेचकर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करती थी और रोज सुबह भक्तियाना से करीब 4 किलोमीटर दूर जंगल में घास लेने जाती थी। मीनाक्षी की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है। बेटी तान्या को रो-रोकर बुरा हाल है उसका कहना है कि आज उसका जन्मदिन था और मां उससे घर वापस लौटने पर पूड़ी-पकौड़ी बनाने का वाद कर घास लेने गई थी। पर उसे क्या पता था कि उसके जन्मदिन पर उसके सामने पूरी-पकौडी नहीं बल्कि उसकी मां का क्षत-विक्षत शव पड़ा होगा। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना से पहले भी आज सुबह सैर को गई दो महिलाओं ने भागकर अपनी जान बचाई थी। ग्रामीणों ने वन विभाग से जल्द से जल्द गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की अनुमति देने एवं क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखने की मांग भी की है।
