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उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़

उत्तराखण्ड: पहाड़ में तेंदुए का आंतक माँ की गोद से छीन ले गया बच्चा, बच्चे की मौत से माँ हुई बेसुध

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उस मां पर क्या गुजर रही होगी जिसके तीन साल का दुधमुहा बच्चा मौत के मुंह में समा गया, जी हा ये दिल दहला देने वाली खबर है पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग से जहां एक तेंदुए ने मां की गोद से बच्चे को झपट कर अपना निवाला बना लिया वो भी उस वक्त जब वह मां की गोद में दूध पीने के लिए जा रहा था । जी हां राज्य में आदमखोर जंगली जानवरों का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस घटना से जहां क्षेत्रवासियों में सरकार, उसके नियमों एवं वनविभाग के प्रति रोष व्याप्त है वहीं लाचार एवं बेबश मां की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मां और परिजनों के शोर मचाने एवं ग्रामीणों द्वारा पीछा करने पर तेदुआ बच्चे को 250 मीटर दूर खेत में छोड़कर भाग तो गया परन्तु तब तक बच्चा भी इस दुनिया को छोड़ चुका था। सिसकियां भरते हुए बस वह खुद को ही कोश रही है कि वह अपने मासूम बेटे को नहीं बचा सकी।




प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के काडेकिरोली के पास स्थित जाख गांव में हुई यह दिल झकझोर देने वाली घटना कल रात साढ़े आठ बजे के आसपास की है। जब जाख गांव के मनेत तोक में रहने वाली हेमा कार्की पत्नी रमेश कार्की अपने तीन वर्षीय बच्चे नैतिक को गोद में लिए नीचे कमरे में जा रही थी। उसके एक हाथ में दूध का गिलास था तो दूसरी तरफ कंधे पर सिने से लगे हुए बच्चा था। जैसे ही वह आंगन की बिजली का स्विच बंद करके अपने कमरे में जा रही थीं कि तभी अचानक पहुले से घात लगाकर छुपे हुए तेंदुए ने हमला कर उनकी गोद से बच्चा छीन लिया और भाग गया। हेमा के शोर मचाने पर नैतिक के पिता रमेश सिंह सहित परिवार के सभी सदस्य बाहर आ ग‌ए और उन्होंने शोर मचाकर अन्य ग्रामीणों के साथ तेंदुए का पीछा किया। इतना हल्ला-गुल्ला सुनकर तेंदुआ बच्चे को घर से करीब 250 मीटर की दूरी पर स्थित खेत में छोड़कर भाग गया। परंतु तब तक नैतिक दम तोड चुका था। बताया गया है कि तेंदुए ने नैतिक की गर्दन पर वार किया था।




परिजनों में मचा कोहराम, दो बहनों का इकलौता भाई था नैतिक:-
नैतिक की दर्दनाक मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। जहां एक ओर परिजनों की तो आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं, और मां हेमा बच्चे की मौत के लिए बार-बार खुद को कोश रही है, वहीं दूसरी ओर जो भी इस दुखदाई‌ घटना को सुना वह अपने आंसू नहीं रोक पाया। ग्रामीणों के पांव तो दुःख की इस घड़ी में अपने आप पीड़ित परिवार के घर की ओर खींचें चलें आ रहे हैं। बताया गया है कि मृतक मासूम नैतिक दो बहनों का इकलौता भाई था। उसके पिता रमेश दिल्ली में एक कंपनी में काम करते हैं और इन दिनों छुट्टी पर घर आए हुए हैं। हादसे के बाद मां-पिता, दादा-दादी बेसुध हैं, मां तो बार-बार बेहोश हो जा रही है। वहीं नैतिक की दोनों बहनें भी बार-बार भाई को पुकार रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में पिछले कई दिनों से घूम रहा यह तेदुआ काफी बड़ा है। वह इस आदमखोर को पकड़ने की गुहार वन विभाग से पहले भी लगा चुके हैं जिस कारण गांव के पास एक पिंजरा भी लगाया गया है परन्तु अब तक वन विभाग उसे नहीं पकड़ पाया है।




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