पंचतत्व में विलीन हुए केरल में ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले नौसेना (Indian Navy) के लेफ्टिनेंट राजीव झा (RAJEEV JHA), हरिद्वार में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार..
बीते रविवार को केरल के कोच्चि में नौसेना(Indian Navy)के ग्लाइडर आईएनएस गरूड़ के दुर्घटनाग्रस्त होने से शहीद हुए लेफ्टिनेंट राजीव झा(RAJEEV JHA) बीते मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद के अंतिम दर्शनों को उमड़े भारी जनसैलाब ने उन्हें नम आंखों से भावभीनी विदाई दी। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद देर शाम उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। इससे पूर्व नौसेना के अधिकारी जैसे ही शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर देहरादून में उनके झाझरा सैनिक कॉलोनी स्थित पैतृक आवास पर पहुंचे तो परिजनों में कोहराम मच गया। बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर मां सुनीता और पिता हरिनारायण का रो-रोकर बुरा हाल था वहीं शहीद की पत्नी गुड़िया, पति के पार्थिव शरीर से लिपटकर रोते-रोते बेसुध हो गई। शहीद के अंतिम दर्शनों को आए स्थानीय लोगों ने परिजनों को ढांढस बंधाने की पूरी कोशिश की परंतु शहीद के छोटे-छोटे मासूम बच्चों को देखकर वे खुद भी अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाए। शहीद लेफ्टिनेंट की दो मासूम बेटियां, एक छह साल और दूसरी ढाई साल की है, जिन्हें अभी तक नहीं पता कि उनके सिर से अब पिता का साया उठ चुका है।
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शहीद लेफ्टिनेंट राजीव 1999 में नेवी में बतौर अधिकारी हुए थे भर्ती, तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देखकर बेसुध हुए शहीद के परिजन:-
गौरतलब है कि केरल के कोच्चि में बीते रविवार को नौसेना का एक ग्लाइडर आईएनएस गरुड़ नियमित प्रशिक्षण के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे उसमें सवार नौसेना के दो अधिकारी लेफ्टिनेंट राजीव झा और पेटी अधिकारी सुनील कुमार शहीद हो गए थे। बता दें कि मूल रूप बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले ले. राजीव झा का पूरा परिवार वर्तमान में देहरादून के झाझरा स्थित सैनिक कालोनी में रहता है। उन्होंने वर्ष 2008 में यहां मकान बनाया था। रविवार को जैसे ही लेफ्टिनेंट राजीव के शहीद होने की खबर परिजनों को मिली तो पूरे घर में कोहराम मच गया। शहीद लेफ्टिनेंट राजीव का पार्थिव शरीर मंगलवार को कोच्चि से विशेष विमान से दिल्ली और वहां से जौलीग्रांट लाया गया। जौलीग्रांट से सेना के वाहन से नौसेना के अधिकारी उनके पार्थिव शरीर को लेकर शहीद के पैतृक आवास पर पहुंचे। बताते चलें कि तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े लेफ्टिनेंट राजीव 1999 में नेवी में बतौर अधिकारी भर्ती हुए थे जबकि उनका छोटा भाई तरुण मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है।
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