असाधारण को साधारण बनाने वाली देहरादून की माधुरी बडथ्वाल को मिला तीलू रौतेली सम्मान
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Madhuri Barthwal Teelu Rauteli Award उत्तराखंड में हर वर्ष 8 अगस्त को वीरांगना तीलू रौतेली की जयंती पर महिलाओं और किशोरियों को उनके साहस पराक्रम व उत्कृष्ट सेवा का प्रदर्शन करने के लिए उत्तराखंड सरकार तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित करती है। जो उन्हें उनकी बहादुरी और संघर्ष के लिए सम्मान के तौर पर प्रदान किया जाता है। इसी बीच 8 अगस्त को 13 महिलाओं को तीलू रौतेली सम्मान से नवाजा गया है। जिसमें देहरादून निवासी डॉक्टर माधुरी बडथ्वाल को पारंपरिक वाद्य यंत्रों में पुरुषों के एकाधिकार को चुनौती देने और महिलाओं को ढोल वादन सिखाने के लिए नवाजा गया है।
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Madhuri Barthwal Pauri Garhwal बता दें मूल रूप से पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के चाय दमराडा की रहने वाली माधुरी बडथ्वाल को पारंपरिक वाद्य यंत्रों में पुरुषों के एकाधिकार को चुनौती देने और महिलाओं को ढोल वादन सिखाने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने वर्ष 2023- 24 के तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया है। वर्तमान में देहरादून के बालावाला की निवासी डॉक्टर माधुरी बडथ्वाल बीते गुरुवार 8 अगस्त को संस्कृति विभाग के प्रेक्षा गृह में पुरस्कार लेने के लिए पहुंची जहां पर उन्होंने बताया कि हमारी लोक संस्कृति हमारी पहचान है इसके संरक्षण के लिए गृहणियों को वह मुफ्त में गायन और वाद्य यंत्र सिखा रही हैं। वह बताती है कि पारंपरिक वाद्य यंत्रों में पहले पुरुषों का एकाधिकार था लेकिन उन्होंने इसे चुनौती देते हुए महिलाओं को ढोल वादन सिखाया। दरअसल माधुरी के पिता चंद्रमणि उनियाल स्वतंत्रता सेनानी थे जिसके चलते माधुरी की प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी जिले के लैंसडाउन में ही हुई।
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Madhuri Barthwal dehradun padam shri माधुरी को बचपन से संगीत में बेहद लगाव था जिसके कारण 1969 में उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज से हाई स्कूल करने के बाद इसी स्कूल में संगीत की शिक्षिका के रूप में सेवाएं दी। तत्पश्चात माधुरी ने इलाहाबाद संगीत समिति से संगीत का प्रशिक्षण लिया और आगे की पढ़ाई प्राइवेट से जारी रखी उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से संगीत में डिग्री और रुहेलखंडी यूनिवर्सिटी से हिंदी से एमए करने के बाद वर्ष 2007 में गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। इतना ही नहीं बल्कि वर्ष 2019 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा था। डॉ माधुरी ने आकाशवाणी नजीबाबाद के लिए भी संगीत का काम किया और यहां प्रसारित होने वाले धरोहर के माध्यम से उन्होंने लोकगाथा ,गीत, संगीत का प्रचार किया।
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