ऋषिकेश (Rishikesh) में हुआ दर्दनाक हादसा, ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर करंट (Electric Shock) से झुलसे दो युवक, बेहतर उपचार ना मिलने के कारण एक ने इलाज के दौरान तोड़ा दम..
राज्य की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से आज कोई अनभिज्ञ नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रों से जहां आए दिन इलाज ना मिलने से ग्रामीणों की मौत की दुखद खबरें सामने आती रहती है और कई बार ग्रामीण हायर सेंटर ले जाते समय अपना दम तोड देते है वहीं राज्य के मैदानी इलाकों में भी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में है। जिसका सर्वाधिक खामियाजा इन क्षेत्रों के गरीब परिवारों को भुगतना पड़ता है कि क्योंकि आर्थिक रूप से समृद्ध ना होने के कारण वह अपने परिजनों को प्राइवेट अस्पतालों में नहीं दिखा पाते और सरकारी अस्पतालों में इलाज की हीलाहवाली के कारण कई बार उनमें से कई लोग काल के ग्रास भी बन जाते हैं। आज फिर राज्य के ऋषिकेश (Rishikesh) से एक ऐसी ही दुखद खबर सामने आ रही है जहां ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर (Electric Shock) झुलसे एक लड़के की समय पर इलाज न मिल पाने के कारण मौत हो गई। जबकि दूसरा अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। युवक की मौत की खबर से उसके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है और मृतक की मां शिवानी, भाई शंकर, भाभी, बच्चे और बहन सहित सभी परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हैरान-परेशान करने वाली बात तो यह है कि ट्रांसफार्मर से करंट लगने के कारण युवक की मौत होने के बावजूद विद्युत विभाग मृतक के परिजनों को मुआवजा देने से कतरा रहा है। यहां तक कि अभी तक विद्युत विभाग का कोई भी अधिकारी पीड़ित परिवार के घर नहीं गया है।
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बीते 29 नवंबर को लगा था करंट, चंडीगढ़ तक इलाज के लिए ले गए परिजन, परंतु बीते शनिवार को संजीत ने तोड़ दिया दम, परिजनों में मचा कोहराम:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार तीर्थनगरी ऋषिकेश के दो युवक संजीत पुत्र स्व. मुंशीराम और किशन पुत्र नेपाली सिंह बीते 29 नवंबर को क्षेत्र के ही भैरव कॉलोनी में अपनी भांजी की शादी की खुशियां मना रहे थे। इसी दौरान वह पास ही में लगे एक 11000 केवी विद्युत लाइन से जुड़े ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गए थे। इससे जहां शादी की खुशियां मातम में बदल गई थी वहीं दूसरी ओर पूरे परिवार में कोहराम मच गया था। आनन-फानन में परिजन ने दोनों को लेकर राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पहुंचे परंतु संजीत की नाजुक हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर देहरादून कोरोनेशन रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन संजीत को लेकर देहरादून कोरोनेशन अस्पताल ले गए परंतु वहां बेड खाली ना होने के कारण पुनः उसे राजकीय चिकित्सालय लाना पड़ा, जहां से उसे पुनः ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया परन्तु यहां बर्न यूनिट ना होने के कारण उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। जिस पर परिजन संजीत को लेकर चंडीगढ़ पहुंचे वहां चिकित्सकों ने पांच से सात लाख रुपये का खर्च तथा संजीत के दोनों पैर और एक हाथ काटने की बात कही। यह सुनकर परिजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गई एक तो पैसे की कमी, ऊपर से संजीत की हाथ-पैर ना कटाने की जिद के कारण उन्हें संजीत को वापस राजकीय चिकित्सालय लाना पड़ा जहां बीते शनिवार को उसने दम तोड दिया।
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