Connect with us
alt="uttarakhand martyr havildar bishan Singh last rites"

Uttarakhand Martyr

उत्तराखण्ड

हल्द्वानी

पंचतत्व में विलीन हुए शहीद हवलदार बिशन सिंह, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

पंचतत्व में विलीन हुए शहीद हवलदार बिशन सिंह (Martyr havildar Bishan Singh), गलवान घाटी में चीनी झड़प के दौरान हुए थे घायल..

लद्दाख के गलवान घाटी में मां भारती की रक्षा के लिए चीनी सेना से जा भिड़ने वाले देश के वीर सपूत शहीद हवलदार बिशन सिंह (Martyr havildar Bishan Singh) आज पंचतत्व में विलीन हो ग‌ए। रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर शहीद जवान का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान पवित्र चित्रशिला घाट पर शहीद के अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोगों का हूजूम उमड़ पड़ा। शहीद की अंतिम यात्रा में भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा बिशन तेरा नाम रहेगा जैसे नारे गूंजायमान होते रहे। सेना के जवानों द्वारा अंतिम सलामी देने के बाद शहीद बिशन सिंह की चिता को उनके बड़े भाई जीवन सिंह और बेटा मनोज ने मुखाग्नि दी।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड का जवान हुआ शहीद गलवान घाटी में चीनी झड़प के दौरान हुआ था घायल

पार्थिव शरीर देखते ही बेसुध हो गई शहीद की पत्नी, पुत्र-पुत्री का भी रो-रोकर बुरा हाल:-

गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील के माणीधामी गांव निवासी हवलदार बिशन सिंह घायल हो गए थे। हवलदार बिशन सेना की 17 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे। बीते शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित सेना अस्पताल में उपचार के दौरान वह जिंदगी की जंग हारकर वीरगति को प्राप्त हुए। बीती रात उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी के कमलुवागांजा में स्थित उनके भाई के घर लाया गया। जहां रविवार सुबह से ही शहीद के अंतिम दर्शनों को लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शहीद बिशन की पत्नी सती देवी जहां पति के पार्थिव शरीर को देखकर बेसुध हो गई वहीं उनके बेटे मनोज और बेटी मनीषा की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उन्हें ढाढस बंधाने की कोशिश की। शहीद बिशन इसी महीने की 31 तारीख को रिटायर होने वाले थे।

यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड के जवान राजेंद्र नेगी का शव बार्डर के पास से बरामद, सेना ने परिजनों को किया सूचित

Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

More in Uttarakhand Martyr

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top