Uttarakhand HighCourt chief Justice : कर्नाटक हाई कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश नरेंद्र जी बनेंगे उत्तराखंड हाई कोर्ट के नई चीफ जस्टिस…..
Uttarakhand HighCourt chief Justice : उत्तराखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी 10 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने जा रही है जिसके चलते आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र जी को उत्तराखंड हाईकोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुने जाने की पूर्ण संभावना है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कोलाजियम ने उनके नाम की सिफारिश की है। दरअसल न्यायाधीश नरेंद्र जी को कई मामलों का विशेष अनुभव भी है जिसके तहत लोगों की उनसे उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई है कि वह अपने दायित्व का निर्वाहन अच्छी तरीके से करेंगे।
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Narendra G Chief justice highcourt बता दें 10 अक्टूबर को उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। जिसके कारण अब आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र जी को उत्तराखंड हाईकोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में 10 अक्टूबर को नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की कोलॉजियम ने बीते मंगलवार को नरेंद्र जी के नाम की सिफारिश की है। बताते चलें न्याय मूर्ति नरेंद्र जी कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश भी है जिनकी नियुक्ति 2015 में कर्नाटक हाई कोर्ट मे हुई जबकि 10 अक्टूबर 2023 को वह आंध्र प्रदेश स्थानांतरित हुए थे। हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति मिलने से पहले उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय में वकालत की है। नरेंद्र जी को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में न्यायिक व प्रशासनिक पदों पर काफी अनुभव है। कोलॉजियम का मानना है कि वर्तमान में कर्नाटक हाईकोर्ट से उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है ऐसे में न्याय मूर्ति नरेंद्र जी को उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति मिलने की पूर्ण संभावना है।
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uttarakhand high court new Chief justice आपको बताते चलें न्याय मूर्ति नरेंद्र जी का जन्म 10 जनवरी 1964 को हुआ है तथा उन्होंने बैचलर आफ आर्ट्स और एलएलबी में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर 23 अगस्त 1989 को बार काउंसिल तमिलनाडु में एक वकील के रूप में नामांकन पाया था। जिसके तहत 1989 से 1992 तक उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की तथा वर्ष 1993 में उन्होंने अपना पंजीयन कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल में स्थानांतरित किया। इतना ही नहीं बल्कि जस्टिस नरेंद्र जी संवैधानिक, नागरिक, कराधान, मोटर खनन कानून, पर्यावरण और वन, मध्यस्थता मामले आदि के विशेषज्ञ रहे है साथ ही मूल्य निर्धारण, कोफेपोसा हिरासत, भूमि सुधार, भूमि राजस्व, सिविल मुकदमे, बौद्धिक संपदा अधिकार, पारिवारिक विवाद में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए है। इसलिए उनसे उम्मीद जताई जा रही है कि वह उत्तराखंड हाई कोर्ट की जिम्मेदारी अच्छे से संभालेंगे।