Neem Karoli Baba Chalisa Mantra: महान संतो मे होती है नीम करौली बाबा की गणना, करते थे कई सारे अविश्वसनीय चमत्कार…………..
Neem Karoli Baba Chalisa Mantra: देवभूमि उत्तराखंड को यूँ ही नही चमत्कारों की भूमि कहा जाता है यहाँ पर अनेक देवी देवताओं द्वारा किए जाने वाले चमत्कारों को भक्तों ने स्वयं आभास किया है लेकिन इसके साथ ही यहां पर कई सारे ऐसे महान संत भी हुए हैं जिन्होंने अपने अविश्वसनीय चमत्कारों से अपने भक्तों को आश्चर्य में डाला है ऐसे ही कुछ चमत्कारी महान सन्त थे बाबा नीम करौली। नीम करौली बाबा के इस मन्त्र का जाप करने से भक्तों की हर मुराद होती है पूरी।
“मैं हूं बुद्धि मलीन अति श्रद्धा भक्ति विहीन। करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दिन। कृपा सिंधु गुरूदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार, मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन। करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।”
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Neem karoli baba Prasad: नीम करौली बाबा को जन्म दिन के अवसर पर विशेष प्रसाद जैसे हलवा, फल, मिठाई आदि तो चढ़ाया ही जाता है लेकिन इसके साथ ही बाबा को कम्बल भी चढ़ाया जाता है यह परंपरा काफी समय से चली आ रही है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार बाबा फतेहगढ़ के एक बुजुर्ग दंपति के घर गए जहां पर उन्होंने रुकने का निर्णय किया जिसे सुनकर दंपति बेहद ही खुश हो गए लेकिन वह इस सोच पड़ गए की हम गरीब लोग कैसे बाबा का सत्कार करेंगे। उन्होंने अपने सामर्थ्य के अनुसार बाबा का सत्कार किया और उन्हें सोने के लिए चारपाई और ओढ़ने के लिए कम्बल दे दिया तथा दोनों दंपति ठंड से कराह रहे थे।
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Neem karoli Baba Story
दंपति की रात बहुत मुश्किल से गुजरी सुबह उठकर बाबा ने कंबल लपेटकर दंपति को दिया और कहा कि इसे खोल बिना गंगा नदी में प्रवाहित कर दो जैसे ही दंपति उस कंबल को प्रवाहित करने जा रहा था तो अचानक उस कंबल का वजन बढ़ने लगा लेकिन बाबा ने मना किया था कि कंबल को खोलना नहीं है जिसके चलते दंपति ने कंबल को गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया इसके एक महीने बाद दंपती का एकलौता बेटा घर आया जो ब्रिटिश फौज में सैनिक था और विश्व युद्ध के दौरान वह लड़ाई कर रहा था जिसकी वजह से दंपति बहुत अधिक चिंतित रहते थे। जब वह सकुशल घर लौटा तो उसे देखकर उसके मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं रहा बेटे ने बताया कि करीब एक महीने पहले युद्ध में उसके सभी साथी मारे गए और वह अकेला बच गया जिसे दुश्मनों की एक गोली तक नहीं लगी। तब दंपति को याद आया कि एक महीने पहले नीम करोली बाबा उनके घर पर रुके थे और वह समझ गए की बाबा की चमत्कार की वजह से ही आज उनका बेटा सकुशल घर लौटा है जिसके चलते ऐसा कहा जाता है कि बाबा के भक्त उन्हें कंबल चढ़ाते हैं जिससे उनके सारे कष्ट दूर होते हैं।
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नीम करोली बाबा हनुमान जी के परम भक्त थे जिसके चलते उन्हें भगवान हनुमान का अवतार माना जाता था। बाबा का कहना था कि जो भी व्यक्ति हर दिन हनुमान जी की पूजा करता है उसकी सभी समस्याएं अपने आप दूर हो जाती है और इतना ही नही हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में आ रही सारी विकट परिस्थितियों से भी छुटकारा मिलता है इसलिए हर व्यक्ति को प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। नीम करोली बाबा ने 17 साल की उम्र में ही भगवान हनुमान के बारे में काफी ज्यादा ज्ञान अर्जित किया था जिसके चलते उन्होंने कम से कम 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण कराया था।
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यदि आप लोग नैनीताल के कैंची धाम पहुँचने के लिए ट्रेन से सफर करने वाले है तो सबसे पहले आपको काठगोदाम रेलवे स्टेशन तक पहुंचना होगा, जो नैनीताल जिले का निकटतम रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन देश के विभिन्न प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, आदि से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कैंची धाम पहुँचने के लिए काठगोदाम रेलवे स्टेशन सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन माना जाता है जो 38 किलोमीटर दूर है।