Dehradun Metro latest news: इस्पात के पहियों की जगह जहां नियो मेट्रो में रबर के पहियों का होगा उपयोग, जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर बने एलिवेटेड कारीडोर पर रेल गाइडिंग सिस्टम तकनीक से होगी संचालित….
सड़क परिवहन, रेल एवं हवाई सेवाओं के बाद अब उत्तराखण्ड में मेट्रो ट्रेन चलाने की कवायद चल रही है। बताया जा रहा है कि राज्य के देहरादून-ऋषिकेश-हरिद्वार रूट पर संचालित होने जा रही यह मेट्रो जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर हवा में चलेगी। पूरी तरह आधुनिक यह नियो मेट्रो दिल्ली में चलने वाली उस मेट्रो से पूरी तरह अलग होगी जो इस्पात के पहियों की सहायता से रेलवे ट्रैक पर दौड़ती हैं। इस्पात के पहियों की जगह जहां नियो मेट्रो में रबर के पहियों का उपयोग किया जाएगा वहीं यह नियो मेट्रो जमीन से 25 फीट की ऊंचाई पर बने एलिवेटेड कारीडोर पर रेल गाइडिंग सिस्टम तकनीक से संचालित होगी। बता दें कि रेल गाइडिंग सिस्टम तकनीक का उपयोग अभी तक केवल यूरोप और लंदन में ही हो रहा है। बात अगर सवारियों की करें तो नियो मेट्रो में एक बार में 90 से 120 यात्री सफर कर पाएंगे।
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नियो मेट्रो के संबंध में मिल रही और अधिक जानकारी के मुताबिक इसे इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि यह देहरादून-ऋषिकेश और हरिद्वार के स्थानीय निवासियों के साथ ही यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की आवश्यकता को भी पूरा कर सके। इतना ही नहीं नियो मेट्रो को पाड टैक्सी से भी जोड़े जाने की योजना बनाई जा रही है। योजना तो यह भी बन रही है कि इसे मुजफ्फरनगर मेट्रो के रास्ते मेरठ मेट्रो से जोड़ा जाए जिससे भविष्य में देहरादून-हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर वाहनों का दबाव अधिक होने पर यह देहरादून से दिल्ली की यात्रा का सर्वाधिक सुलभ और सुगम साधन बन सके। आपको बता दें कि देहरादून मेट्रो की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) जहां स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है वहीं हरिद्वार-ऋषिकेश मेट्रो की डीपीआर अभी बनाई जानी है।
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