टिहरी के अंधियारी चापड़ा (काथणा) गांव के बबीता के पिता ज्योति प्रसाद और मां राजमति देवी की वाहन दुर्घटना में मौत हो गई थी। माता-पिता की मौत के बाद बबीता खुद को जिंदगी के बोझ के तले दबी हुई महसूस कर रही थी। ऐसे दुखद समय में समाज के कुछ जिम्मेदार और संस्कारों के प्रति संवेदनशील लोगों ने बबीता की शादी का बीड़ा उठाया। सबसे खाश बात तो ये रही की नाते-रिश्तेदारों और गांव के लोगों ने पहले से तय तिथि पर ही शादी करने का निर्णय लिया। रविवार को अनाथ बेटी बबीता का घर बसाने को सैकड़ों लोग आगे आए शादी में खूब भीड़ उमड़ी। शादी समारोह में उपस्थित लोगों ने बेटी बबीता को आशीर्वाद देकर विदाई दी। रविवार को बबीता ने अपने जीवन साथी धनीराम के साथ अग्नि के सात फेरे लिए।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर मठियाली गांव के समीप हुई वाहन दुर्घटना में अंधियारी मय चापड़ा (काथणा) गांव निवासी बबीता के पिता ज्योति प्रसाद और मां राजमति देवी की वाहन दुर्घटना में मौत हो गई थी। बताते चले कि रविवार को चंबा ब्लॉक के कांडा गांव निवासी ऋषिराम बेलवाल अपने बेटे धनीराम की बरात लेकर बबीता के घर काथणा गांव पहुंचे। जैसे ही बारात गांव में पहुंची बैंड-बाजों और फूल मालाओं से गांव के लोगों ने मेहमानों का स्वागत किया। बबीता के ताऊ चंद्रदत्त कुड़ियाल और ताई कौंशा देवी, मामा राम दयाल नौटियाल और राजेंद्र प्रसाद नौटियाल ने कन्यादान किया। माता-पिता की मौत के बाद परिवार में बबली के अलावा 14 साल की छोटी बहन राधिका, 10 साल का दीपक और 7 साल का प्रदीप है, राधिका दिव्यांग है और उसके दोनों पैर काम नहीं करते वही दीपक छठी और प्रदीप चौथी कक्षा में पढ़ता है। लेकिन उनकी मदद के लिए ज़िला प्रशासन सहित कई सामाजिक संगठन आगे आए हैं, टीएचडीसी अनाथ बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी और ज़िला प्रशासन ने ने समाजसेवी लोगो के साथ मिलकर बबीता की धूमधाम से शादी की।