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Padmashree AIIMS retired dr. Jeevan Singh Titiyal Dharchula Pithoragarh
फोटो सोशल मीडिया dr. Jeevan Singh Titiyal

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उत्तराखंड: पर्वतीय क्षेत्रों में कैंसर व नेत्र रोगियों की ढाल बनेंगे पद्मश्री डॉक्टर जीवन सिंह तितियाल

dr. Jeevan Singh Titiyal :कुमाऊं के दूरस्थ इलाकों में कैंसर और नेत्र रोगियों के लिए काम करेंगे पद्मश्री डॉक्टर जीवन सिंह तितियाल……

dr. Jeevan Singh Titiyal  उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले डॉक्टर जीवन सिंह तितियाल ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में 46 वर्ष की सेवाएं देने के बाद बीते 31 दिसंबर को रिटायरमेंट पा लिया है। जिसके चलते अब वह पहाड़ी क्षेत्रों में कैंसर और नेत्र रोगियों के लिए काम करते हुए नजर आने वाले हैं। जिसके लिए वह चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर काम करने की योजना बना रहे हैं। दरअसल डॉक्टर जीवन सिंह तितियाल के योगदान को भूलाना किसी के लिए भी आसान बात नही है क्योंकि उन्होंने कई लाख मरीजों का उपचार किया है जो पूरे देश के लिए एक विशेष योगदान माना जा सकता है। उनके इस योगदान के लिए उन्हें सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

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dr. Jeevan Singh Titiyal Dharchula Pithoragarh बता दें मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के तिदांग के रहने वाले डॉक्टर जीवन सिंह तितियाल दिल्ली एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्रालय के मुख्य रहे जिन्होंने 46 साल तक अपनी सेवाएं दी तथा सेवाएं पूरी करने के बाद वह बीते 31 दिसंबर 2024 को रिटायर हो गए हैं। जिसके चलते अब वह पर्वतीय क्षेत्रों मे कैंसर और नेत्र रोगियों के लिए काम करते हुए नजर आने वाले हैं। दरअसल डॉ तितियाल ने बताया कि वह चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर कुमाऊं के दूरस्थ इलाकों में कैंसर और नेत्र रोगियों का इलाज करेंगे जिसके लिए चैरिटेबल ट्रस्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है इसके लिए टैली मेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह दी जाएगी। इतना ही नहीं यदि सरकार ने जमीन उपलब्ध कराई तो एम्स के पुराने साथियों को वे अपने साथ जोड़कर कुमाऊं में काम करने की योजना बना रहे हैं।

Padmashree AIIMS retired dr. Jeevan Singh Titiyal बताते चले डॉ तितियाल की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव की तिदांग से हुई है। जबकि पांचवी पास करने के बाद वह 60 किलोमीटर पैदल चलकर अपने मामा के घर धारचूला आ गए थे। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने धारचूला के राजकीय इंटर कॉलेज से हाई स्कूल की शिक्षा ग्रहण की इसके बाद वह अपने पिता के पास लखनऊ चले गए थे । वहीं से उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की इसके बाद उनका चयन एमबीबीएस के लिए हो गया था। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स दिल्ली से एमबीबीएस एमडी करने के बाद एम्स में ही अपनी सेवाएं दी ।

इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अपने रिटायरमेंट के दिन भी सात ऑपरेशन किए। डॉक्टर तितियाल ने ना सिर्फ एम्स में सेवाएं दी बल्कि एम्स को पूरी तरह से जिया है । डॉक्टर तितियाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह धर्मगुरु दलाई लामा जैसी कई महान हस्तियों की आंखों का ऑपरेशन भी किया है और अब तक वह एक लाख से अधिक सफल ऑपरेशन कर चुके हैं। इसके अलावा डॉक्टर तितियाल ने 10 वर्ष पहले एक मृतक की कार्निया से तीन मरीजों की आंखों में कार्निया का ट्रांसप्लांट कर नई विधि विकसित की थी जिसके तहत सरकार ने उन्हें 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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