बढ़ते हुए अपराधों के बीच देवभूमि उत्तराखण्ड इस कदर घिर चुकी है कि एक मासूम बेटी को सरेआम मौत के घाट उतार दिया गया। जी हां हम उसी मामले की बात कर रहे हैं जिसने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर तो लोगों द्वारा अपराधी को सरेराह गोली मारने की मांग भी पुलिस प्रशासन से की जा रही है। काशीपुर में दिनदहाड़े हुई इस घटना से जहां पुलिस प्रशासन के होश उड़े हुए हैं वहीं जनता में भी खासा आक्रोश है। इन सबके बीच अभी तक पुलिस को एक ऐसे सवाल ने उलझा रखा है जिसका उत्तर जानना हम सभी के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है। और वह सवाल है कि पिंकी हत्याकांड में पिंकी की हत्या इरादतन की गई। या फिर इसमें हत्यारों का मकसद केवल शोरूम में लूट करना था, जिसमें पिंकी की हत्या लूटेरों द्वारा गैरइरादतन की गई। यही वह अहम सवाल है जिसने अभी तक पुलिस को सबसे ज्यादा उलझा रखा है। अर्थात पिंकी की हत्या की कहानी केवल 45 मिनट की है या हत्यारे पहले से ये प्लान करके आए थे?
गौरतलब है कि राज्य के काशीपुर में गिरिताल रोड स्थित मोबाइल शोरूम पर कार्यरत सेल्स गर्ल की शुक्रवार को दिनदहाड़े चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं हत्यारे शोरूम से डेढ़ लाख कीमत के 11 मोबाइल भी अपने साथ ले गए। सेल्स गर्ल की पहचान पौड़ी जिले के धुमाकोट तहसील के ग्राम दिगौलीखाल निवासी पिंकी रावत पुत्री मनोज रावत के रूप में की गई है, जो पिछले तीन माह से इस शोरूम में काम कर रही थी। बताया गया है कि वह मानपुर रोड पर आरके पुरम कॉलोनी में चंदन सिंह के मकान में अपने भाई प्रवीण रावत के साथ किराए पर रहती थी। पिंकी की हत्या शोरूम में उस समय की गई जब वह अकेली थी। घटना द मोबाइल वर्ल्ड भूमिका इंटरप्राइजेज नामक मोबाइल के शोरूम की है जो गाजियाबाद निवासी मनीष चावला का बताया गया है। शोरूम के मालिक का कहना है कि करीब 11:55 बजे पिंकी ने उन्हें पहली बार फोन कर बताया कि दुकान पर कोई ग्राहक आया है और मोबाइल का रेट पूछ रहा है। इस पर उन्होंने मोबाइल का रेट बताया।