पिथौरागढ़ सड़क हादसा : सरकारी स्कूल के शिक्षक खुद चला रहे थे कार, मौके पर ही मौत
देवभूमि दर्शन ( संवाददाता पिथौरागढ़ ) : बीते गुरुवार की सायं को राज्य के पिथौरागढ़ जिले में हुई एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में एक शिक्षक सहित दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। दुर्घटना में काल का ग्रास बने शिक्षक धीरज बनकोटी वर्तमान में बागेश्वर के कपूरी जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक पद पर तैनात थे। मृतक की पत्नी भी निजी स्कूल में शिक्षिका है जो कि वर्तमान में महर्षि विद्या मंदिर पिथौरागढ़ में पढ़ाती है। बताते चलें कि मृतक के एक बड़े भाई भी शिक्षक हैं जबकि छोटा भाई बृजेश बनकोटी मजदूर मोर्चा के प्रांतीय संगठन मंत्री हैं। मृतक धीरज की दो छोटी बेटियां हैं। पांच और आठ साल की दोनों बेटियां दिवांशी और लक्षिता पढ़ाई कर रही हैं। धीरज की सड़क दुर्घटना में हुई असामयिक मौत की खबर से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पत्नी सहित दोनों बेटियों एवं अन्य पारिवारिक जनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
शिक्षक की मौत की खबर मिलते ही शिक्षक संघ शोक में डूब गया : बता दें कि कल दोपहर करीब 3 बजे पिथौरागढ़ जिले के गणाई-गंगोली में बनकोट जा रही एक आल्टो कार वाहन संख्या यूके02-ए-3848 के ग्वाड़ी के पास अनियंत्रित होकर 300 मीटर गहरी खाई में गिर जाने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जिनमें बनकोट निवासी धीरज बनकोटी भी शामिल थे। धीरज अपनी कार को खुद ही चला रहे थे। हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को खाई से निकालकर कल ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। लेकिन अभी तक दूसरे मृतक की शिनाख्त नहीं हो पायी है। पुलिस दूसरे मृतक के नेपाली नागरिक होने का अनुमान लगा रही है। शिक्षक की असामयिक मृत्यु से उनके गांव में मातम पसर गया। बताते चलें कि शिक्षक धीरज सिंह बनकोटी पुत्र प्रताप सिंह जूनियर हाइस्कूल कपूरी में सहायक अध्यापक पद पर तैनात थे। वर्तमान में वह बागेश्वर जिले के मंडलसेरा में किराए के घर में रहते थे। शिक्षक की मौत की खबर मिलते ही शिक्षक संघ शोक में डूब गया। अज्ञात नेपाली नागरिक की शिनाख्त के प्रयास चल रहे हैं।
सड़क की बदहाल स्थति को लेकर ग्रामीण उठा चुके है कई बार मांग: बताते चलें कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ वह गणाई से बनकोट जाने वाली सड़क पिछले काफी समय से बदहाल स्थिति में है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 10 किमी के सफर को पूरा करने के लिए भी एक घंटे से अधिक समय लगता है। सड़क की खराब स्थिति को लेकर स्थानीय लोग कई बार मांग उठा चुके हैं, लेकिन फिर भी सड़क की स्थिति जस की तस है। ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि कल दोपहर बाद हुई सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण भी सड़क की खराब स्थिति ही रही होगी।
