Dehradun Pod Taxi: हरिद्वार के बाद अब देहरादून में भी पॉड टैक्सी के संचालन की योजना, उत्तराखण्ड शासन ने दी स्वीकृति, जल्द पहनाया जाएगा अमलीजामा….
रोपवे, रेल, मेट्रो और हवाई सेवाओं के बाद अब उत्तराखंड में पॉड टैक्सी के संचालन की कवायद शुरू हो गई है। हरिद्वार के बाद अब देहरादून में भी पॉड टैक्सी के संचालन की योजना बनाई जा रही है। बताया गया है कि देहरादून में सिंगापुर की तर्ज पर पर्सनल रैपिड ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट (पीआरटी) सिस्टम के तहत बिना ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी का संचालन किए जाने की योजना को सरकार की स्वीकृति मिल गई है। यातायात के इस सिस्टम से जहां देहरादून के वाशिंदों को जाम से निजात मिल सकेगी वहीं सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी। बताया जा रहा है कि पहले चरण में पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक छह किमी लंबे रूट पर इसका संचालन किया जाएगा। अभी तक बाइक या कार से जाने में जहां करीब 20 मिनट का समय लगता है वहीं पॉड टैक्सी चलने पर यह दूरी पांच से सात मिनट में पूरी होगी। खासतौर पर यह सेवा देहरादून के उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी जहां नियो मेट्रो का संचालन नहीं हो पाएगा।
(Dehradun Pod Taxi)
यह भी पढ़ें- Pod Taxi Haridwar: प्रमुख मंदिरों को जोड़ने के लिए 21 किलोमीटर के रूट पर दौड़ेगी पौड टैक्सी जाने किराया
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते रोज उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान के तहत पीआरटी सिस्टम का प्रजेंटेशन मुख्य सचिव के समक्ष दिया। प्रजेंटेशन में उन्होंने पीआरटी सिस्टम की खूबियों के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि पीआरटी एक तरह का ऑटोमेटेड गाइडवे ट्रांजिट (एजीटी) है। जो कि निजी या छोटे समूह की यात्रा न केवल आरामदायक बल्कि अपेक्षाकृत यह काफी सस्ता भी है। आपको बता दें कि पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट (पीआरटी) या पॉड टैक्सी पूरी तरह स्वचालित होती है। बिना ड्राइवर की सहायता से चलने वाला यह वाहन कार के आकार की होता है। इसका संचालन स्टील के ट्रैक पर किया जाता है। इसमें एक बार में अधिकतम छह यात्री आवाजाही कर सकते है। आटोमेटिक होने के कारण यात्रियों द्वारा बटन दबाने पर यह खुद ही उनके पास पहुंच जाएगी। बताते चलें कि पीआरटी या पॉड टैक्सी दुनिया का सबसे आधुनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम है, जिसमें आधुनिक तकनीकों के साथ ही किफायती बजट का भी ध्यान रखा गया है। बात इस संबंध में दुनिया की करें तो विश्व में पहली पॉड टैक्सी का संचालन वर्ष 1970 में वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में किया गया था।
(Dehradun Pod Taxi)
यह भी पढ़ें- Kainchi Dham Route: हल्द्वानी से पहाड़ जाने वाले यात्री ध्यान दें, भवाली कैंची धाम से रूट होगा डायवर्ट