Chamoli pregnant women news: प्रसव के बाद महिला की गई जिंदगी, अस्पताल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप, मौत की जांच की उठाई मांग...
pregnant women meena devi of dasholi block died in district hospital chamoli during pregnancy latest news today: उत्तराखंड सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर प्रदेश मे तमाम दावे ही क्यों ना करती हो लेकिन इसकी धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है। जी हां न जाने अभी तक प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के चलते कितने सारे लोगों ने अपनी जान गवाई है। इस बात का अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता है।ऐसी ही कुछ खबर चमोली जिले से सामने आ रही है जहां पर प्रसव के बाद एक महिला ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। महिला की मौत पर परिजनों समेत स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिले के दशोली ब्लॉक के बछेर गांव की निवासी 30 वर्षीय मीना देवी पत्नी प्रदीप सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर उनके परिजन बीते शनिवार की रात करीब 9:00 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इस दौरान बीते रविवार को तड़के 3:30 बजे मीना का प्रसव होने के दौरान बीपी बढ़ने लगा और उन्हें दौरे पड़ने लगे। इतना ही नहीं बल्कि मीना का बीपी कंट्रोल ही नहीं हो पा रहा था ,काफी प्रयासों के बाद मीना का प्रसव तो हुआ लेकिन मीना की स्थिति मे सुधार न हो सका।लगभग आधा घंटे बाद मीना ने दम तोड़ दिया जबकि नवजात की जान बच गई।
नवजात को रखा वेंटिलेटर पर हो गया हंगामा
नवजात को स्टाफ नर्स ने वेंटिलेटर पर रख दिया जिसकी सूचना मिलते ही परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल पहुंचे तथा उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया। इतना ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य मंत्री एवं सीएमओ के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिस पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर अनुराग धनिक ने बताया कि नवजात को सांस लेने में कोई दिक्कत ना हो इसलिए उसे वेंटिलेटर में रखा गया है जो बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मीनाक्षी रावत की निगरानी में है।
तीन डॉक्टर के पैनल से होगी मृतका मीना के मामले की जाँच
बताते चले मीना की मौत पर परिजनों समेत स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ करीब एक घंटे तक कड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद परिजनों ने मामले की जांच और मृतका के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करने की मांग उठाई है जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि तीन डॉक्टर के पैनल से मामले की जांच कराई जाएगी।
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