Delhi dehradun Expressway corridor: शनिवार को देहरादून आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे शिलान्यास, प्रदेश वासियों के लिए होगी बड़ी सौगात, दिल्ली से देहरादून की दूरी महज ढाई घंटे में होगी तय..
आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य में इन दिनों चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। जहां उत्तराखण्ड में राजनीतिक भविष्य तलाश रही आम आदमी पार्टी के बड़े छोटे नेता चुनाव अभियान में जुट गए हैं वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत भी धरातल पर उतर चुके हैं। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री और वर्तमान में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी भला कैसे पीछे रह सकते हैं। जी हां.. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 को धार देने के लिए शनिवार को उत्तराखंड आ रहे हैं। यहां वह देहरादून में दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर (Delhi dehradun Expressway corridor) का शिलान्यास करेंगे। बता दें कि 8300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाला दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर जहां उत्तराखंड वासियों के लिए एक बड़ी सौगात होगा वहीं इसमें एशिया का सबसे लंबा लगभग 12 किमी का एलिवेटेड गलियारा भी बनेगा। विदित हो कि इस 210 किलोमीटर लम्बे इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा कराया जाएगा। इस मार्ग के निर्माण से दिल्ली से देहरादून तक का सफर महज ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा। यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में बनेगी देश की सबसे लंबी डबल अत्याधुनिक टनल लेन सुरंग, निर्माण कार्य हुआ शुरू
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते शनिवार को राजधानी देहरादून आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 210 किमी लंबे दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास कर राज्यवासियों को एक बड़ी सौगात देंगे। बता दें कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनने वाले इस इकोनोमिक कॉरीडोर परियोजना को 2020 में मंजूरी दी गई थी। इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मॉडल पर बनाए जाने वाले इस इकोनोमिक कॉरीडोर से रुड़की और हरिद्वार कै भी एक लिंक रोड के जरिए जोड़ा जाएंगा। इतना ही नहीं इसमें सबसे ज्यादा ध्यान पर्यावरण का रखा जा रहा है। इसके तहत जहां जल संरक्षण पर काफी ध्यान रखा जा रहा है, जिसके तहत इस कॉरीडोर में हर 500 मीटर की दूरी पर बारिश के पानी को संजोने के लिए वाटर बॉडीज बनेंगी वहीं कॉरीडोर पर 340 मीटर लंबी सुरंग भी बनवाई जाएगी। इससे भी वन्यजीवों को अप्रभावित होकर मूवमेंट करने में मदद करेगी। मार्ग में पड़ने वाले संरक्षित वन क्षेत्र को देखते हुए में एशिया का सबसे लंबा लगभग 12 किमी का एलिवेटेड गलियारा बनेगा, जिससे न तो जंगली जानवरों को सामान्य जनजीवन में परेशानी होगी और ना ही गाड़ियों और जंगली जानवरों की टक्कर।