उत्तराखण्ड के मोहनलाल रतूड़ी जो की 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे, उसके बाद जहाँ पूरा परिवार एक बड़ी जिम्मेदारी के नीचे दब गया, और उनकी बेटी के लिए दुखो का पहाड़ तब टूट पड़ा जब वह बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। बेटी गंगा के लिए जहाँ एक ओर सर पर बोर्ड परीक्षाएं थी वही दूसरी ओर पिता के शहादत की खबर ने बड़ा सदमा दे दिया। ऐसी विषम परिस्थिति में भी गंगा ने हिम्मत नहीं हारी ओर अपने बुलंद हौसलों से बोर्ड परीक्षाएं देने का फैसला लिया। दो मई को बोर्ड का परिणाम आया तो गंगा ने परीक्षा 68.8 प्रतिशत अंकों के साथ पास कर ली। सबसे खाश बात तो ये है की सीबीएसई ने भी पुलवामा शहीदों के बच्चों की मदद के लिए विशेष इंतजाम किए थे। लिहाजा, बायोलॉजी, हिंदी और फिजिकल एजुकेशन की परीक्षाएं तो गंगा ने सभी छात्रों के साथ दी लेकिन फिजिक्स, केमिस्ट्री और इंगलिश की परीक्षा के लिए सीबीएसई ने बाद में इंतजाम कराया।
बेटी बोली पापा के सपने को पूरा करुँगी : गौरतलब है की देहरादून निवासी सीआरपीएफ की 110वीं वाहिनी में एएसआई मोहनलाल रतूड़ी शहीद हो गए थे। जिसके बाद पूरा परिवार सदमे में पहुंच गया था, ऐसे माहोल में भी गंगा ने मन लगाकर पढ़ाई की और अच्छे अंको से 12वी की परीक्षा उत्तीर्ण की। गंगा कहती है उन्हें गायन का बेहद शौक है लेकिन पापा ने कहा था कि “बेटी तू डॉक्टर बनना”। जब डॉक्टर बन जाएगी तो तेरे हाथ से पहली दवा मैं ही लूंगा। पिता को दिए अपने वचन का फर्ज निभाने को गंगा ने अब डॉक्टर बनने का फैसला लिया है। बताते चले की इसके लिए वह कोटा में कोचिंग की तैयारी कर रही हैं। रिजल्ट आने के बाद गंगा के चेहरे पर खुशी नजर नहीं आयी बल्कि पापा के न होने का गम नजर आ रहा है। डबडबाती आँखों से बोली अगर आज पापा होते तो कितना खुश होते। वही गंगा की मां सरिता की आँखे आज फिर छलक पड़ी, बस दिल में एक बात दबी रह गयी की आज अगर उनके पति होते तो बच्चों की कामयाबी पर कितना खुश होते।