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Uttarakhand news: rashmi Rautela from tarikhet block of almora became Leftinent in Indian army.

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उत्तराखंड: ताड़ीखेत की रश्मि रौतेला बनी सेना में लेफ्टिनेंट, पिता है सेना से रिटायर्ड सूबेदार

Uttarakhand: पिता है सेना से रिटायर्ड सूबेदार, बेटी रश्मि रौतेला ने सेना (Indian Army) में लेफ्टिनेंट बनकर बनाया उनका मान..

वैसे तो राज्य के वाशिंदे हमेशा से सेना में जाकर देशसेवा करने को लालायित रहते हैं परन्तु अब देवभूमि उत्तराखंड की बेटियां भी बड़ी संख्या में देश की सेनाओं का हिस्सा बन रही है। आज एक बार फिर हम आपको राज्य की एक ऐसी ही होनहार बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने चार वर्ष के कठिन प्रशिक्षण को पूरा कर सेना में अफसर बनकर समूचे प्रदेश (Uttarakhand) को गौरवान्वित किया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के अल्मोड़ा जिले के बग्वाली रौतेला गांव की रहने वाली रश्मि रौतेला की, जो अपनी कड़ी मेहनत और लगन से भारतीय सेना (Indian Army) में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। बतौर लेफ्टिनेंट रश्मि को अपनी पहली तैनाती मिलिट्री अस्पताल पठानकोट में मिली है। एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली रश्मि की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके गांव सहित पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
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सेना में अफसर बनने वाली अपने गांव की पहली बेटी है रश्मि, रश्मि के पिता है रिटायर्ड सूबेदार:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत विकासखंड के बग्वाली रौतेला गांव निवासी रश्मि रौतेला भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। मुंबई के सैन्य अस्पताल में चार साल का कठिन प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात बीते गुरुवार को आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में रश्मि के कंधों पर सितारे सजाएं ग‌ए, इसी के साथ ही राज्य की यह बेटी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई। हालांकि कोरोना के चलते उनके परिजनों को पासिंग आउट परेड के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। बता दें कि रश्मि ने आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत से 2015 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी, जिसके बाद उन्होंने 2016 में नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में उत्तीर्ण की। बताते चलें कि रश्मि के पिता ललित मोहन सिंह रौतेला सेना से रिटायर्ड सूबेदार हैं जबकि उनकी मां मुन्नी देवी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। सबसे खास बात तो यह है कि रश्मि अपने गांव की पहली ऐसी बेटी है जो सेना में अफसर बनी है।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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